
EV पर मिल रहा डिस्काउंट। (सौ. Freepik)
Electric Vehicle Discount 2025: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी पड़ती मांग के बीच प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों Mahindra & Mahindra, Tata Motors, Hyundai और Kia ने वर्षांत पर रिकॉर्ड तोड़ डिस्काउंट की घोषणा कर दी है। कंपनियों का उद्देश्य EV से हटती ग्राहकों की रुचि को दोबारा पकड़ना और बिक्री में नई जान फूंकना है।
22 सितंबर से पेट्रोल और डीजल कारों पर जीएसटी में कटौती के बाद आंतरिक दहन इंजन (ICE) मॉडल्स की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। इससे EV और पारंपरिक कारों के बीच कीमत का अंतर बढ़ गया और इलेक्ट्रिक कारें अपेक्षाकृत महंगी महसूस होने लगीं। नतीजतन, EV की मांग पर सीधा असर पड़ा। इलेक्ट्रिक कार बाजार की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स अपने Curvv RS मॉडल पर 3.5 लाख रुपये तक का लाभ दे रही है। वहीं महिंद्रा ने XEV 9e पर 3.5 लाख रुपये तक के इंसेंटिव घोषित किए हैं।
पिछले सप्ताह JSW MG Motor ने अपने विशेष ऑफर “Mid-Night Carnival” की घोषणा की। इसके तहत ग्राहक Comet EV पर 1 लाख रुपये तक, जबकि ZS EV मॉडलों पर 1.35 लाख रुपये तक के लाभ उठा सकते हैं। जानकारों के अनुसार, कंपनियाँ धीमी बिक्री वाले ICE मॉडल्स पर भी ऑफर दे रही हैं, लेकिन EV के मुकाबले उनके डिस्काउंट काफी कम हैं।
जहाँ टाटा मोटर्स ने अपने वर्षांत डिस्काउंट प्लान पर टिप्पणी करने से इनकार किया, वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने साल के अंत की अपनी रणनीति को स्पष्ट किया है। M&M के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ नलिनीकांत गोंलगुंटा ने कहा, “वर्षांत स्कीम के तहत हमने ICE और EV दोनों पोर्टफोलियो पर टार्गेटेड लाभ दिए हैं। बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर अतिरिक्त ऑफर Electric Origin SUVs की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिए गए हैं। हाल ही में लॉन्च हुई हमारी XEV 9S बड़ी इलेक्ट्रिक SUV के साथ हम इस सकारात्मक गति को जारी रखने को लेकर आश्वस्त हैं।”
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हालाँकि इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है, फिर भी उनकी मार्केट हिस्सेदारी अभी भी सीमित है। Equirus Research के विश्लेषकों मिहिर वोरा और रौनक जैन के अनुसार, “नवंबर 2025 में इलेक्ट्रिक कार बिक्री 63% बढ़कर 14,700 यूनिट पहुंची, लेकिन बाज़ार में ईवी की पैठ 3.7% रही, जो जीएसटी कटौती से पहले के 5% स्तर से कम है। मांग अब ICE वाहनों की ओर झुक रही है।”
अक्टूबर–नवंबर का त्योहारी सीजन आमतौर पर महंगी खरीदारी का समय माना जाता है। इस दौरान पेट्रोल-डीजल कारों की कीमतों में जीएसटी कटौती से आई गिरावट ने उनकी बिक्री को रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा दिया, जबकि ईवी से ग्राहकों की रुचि कुछ कम होती देखी गई।






