Car driving को लेकर नया केस आया सामने। (सौ. Unsplash)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: आजकल कई माता-पिता अपने नाबालिग बच्चों को लाड़-प्यार में गाड़ी की चाबी सौंप देते हैं, लेकिन यह लापरवाही भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की वजह बन सकती है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी दी कि पिछले दो सालों में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के 1,497 मामलों में ई-चालान काटे गए, जिन पर कुल 48 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
मंत्रालय के डिजिटल पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के अनुसार, बिहार में सबसे ज्यादा नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने के मामले सामने आए। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी के एक सवाल के जवाब में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि साल 2023 और 2024 में बिहार में 1,316 चालान जारी किए गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 48 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। बिहार में सबसे अधिक 44.3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि अन्य राज्यों में यह राशि निम्नलिखित रही:
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भारत में नए मोटर वाहन कानून के तहत, यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, अगर नाबालिग किसी दुर्घटना में शामिल होता है, तो माता-पिता को जेल भी हो सकती है। हाल ही में पुणे के पोर्श एक्सीडेंट केस में यही देखने को मिला, जहां पुलिस ने नाबालिग के पिता को हिरासत में ले लिया।