अमेरिका और जापान हुआ व्यापार सौदा (फोटो- सोशल मीडिया)
US-Japan Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान को बड़ा तोहफा दिया है। ट्रंप ने गुरुवार को एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए, जिसके तहत जुलाई में जापान के साथ हुई ट्रे़ड डील को औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया। इस समझौते के तहत, जापान से आयातित ऑटोमोबाइल्स पर लगने वाला टैरिफ 27.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। नए नियम सात अगस्त से लागू मानें जाएगें।
यह डील रेट्रोस्पेक्टिव तौर पर 7 अगस्त से लागू मानी जाएगी। फेडरल रजिस्टर में नोटिफिकेशन जारी होने के सात दिन बाद यह नियम प्रभाव में आ जाएगा। डील के अनुसार, अब जापान से आने वाले उन उत्पादों पर जिन पर पहले 15 प्रतिशत से अधिक टैक्स लगता था, कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। वहीं, जिन वस्तुओं पर पहले 15 प्रतिशत से कम टैरिफ था, उन पर अब सीधा 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।
जापान के मुख्य वार्ताकार रियोसी अकाजावा ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह 22 जुलाई को हुई बातचीत का व्यावहारिक रूप है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 15 प्रतिशत टैरिफ से कुछ जापानी उद्योगों को नुकसान हो सकता है। इसके मद्देनज़र, जापानी सरकार प्रभावित क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता योजनाएं शुरू करेगी।
इस डील के अंतर्गत जापान को भी यूरोपीय संघ (EU) की तरह “रेसिप्रोकल” ट्रीटमेंट मिला है। अमेरिका और जापान के बीच साइन हुए एमओयू के मुताबित, जापान ने अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है, जो मुख्यतः मिनरल्स, सेमीकंडक्टर्स और फार्मास्युटिकल सेक्टर में किया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को अमेरिका के लिए ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि इससे देश में लाखों नौकरियां पैदा होंगी, मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी और आर्थिक मजबूती आने वाली पीढ़ियों तक बनी रहेगी। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस निवेश से होने वाले 90 प्रतिशत मुनाफे पर अमेरिका का अधिकार होगा।
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वही, कार निर्माता कंपनी टोयोटा ने इस फैसले को काफी राहत देने वाला बताया, जबकि दक्षिण कोरियाई कंपनियां अब भी अमेरिका से इसी तरह की रियायतों की अपेक्षा कर रही हैं। जानकारों का मानना है कि यह डील जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकती है।