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नई दिल्ली. जहां एक तरफ दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना (LG VK Saxena) ने डीटीसी (DTC) द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए अब CBI को शिकायत भेजने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। वहीं इस मुद्दे पर अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार का भी बयान आया है. दरअसल अब ‘आप’ सरकार ने कहा है कि बसों की कभी खरीद ही नहीं हुई थी. बसों के टेंडर रद्द कर दिए गए थे. वहीं LG सक्सेना को पता ही नहीं कि वे क्या आदेश दे रहे हैं.
गौरतलब है कि, LG सक्सेना को संबोधित एक शिकायत में दावा किया गया था कि DTC ने “पूर्व नियोजित तरीके से” परिवहन मंत्री को बसों की निविदा व खरीद के लिए गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
इसके साथ ही इस शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया था कि इस निविदा के लिए बोली प्रबंधन सलाहकार के रूप में डीआईएमटीएस की नियुक्ति गलत कामों को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से की गई थी। शिकायत में यह भी कहा गया कि 1,000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों के लिए जुलाई 2019 की खरीद बोली और मार्च 2020 में लो फ्लोर बीएस-6 बसों की खरीद व वार्षिक रखरखाव के अनुबंध के लिए लगाई गई दूसरी बोली में अनियमितताएं हुईं हैं।
वहीं बीते 22 जुलाई को उक्त शिकायत पर दिल्ली सरकार के विभागों की प्रतिक्रिया लेने के लिए मुख्य सचिव के पास चिट्ठी को भेजा गया। इस पर मुख्य सचिव ने बीते 19 अगस्त को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कुछ ‘अनियमितताओं’ की ओर इशारा किया गया था। इसके बाद LG सक्सेना ने यह शिकायत अब CBI को प्रेषित कर दी है।