भारतीय अर्थव्यवस्था (सौजन्य : सोशल मीडिया)
न्यूयॉर्क : इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बुरी खबर पेश की है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। ये इससे पहले जारी की गई रिपोर्ट के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से भी ज्यादा घटी है। प्रमुख तौर पर ट्रेड टेंशन और ग्लोबल अनिश्चितताओं को देखते हुए ग्रोथ रेट अनुमान को कम किया गया है।
आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक परिदृश्य में कहा है कि भारत के लिए, साल 2025 में बढ़त का परिदृश्य अपेक्षाकृत ज्यादा स्थिर है और ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत रहेगी। बढ़त को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्सनल कंज्पशन से समर्थन मिलेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट वित्त वर्ष 2026-27 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया जा रहा है जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में यह 6.5 प्रतिशत रही। ग्रोथ रेट का यह अनुमान जनवरी, 2025 के अनुमान की तुलना में 0.3 प्रतिशत कम है और इसका कारण ट्रेड स्ट्रेस और ग्लोबल अनिश्चितता है। आईएमएफ ने कहा है कि साल 2025 में ग्लोबल ग्रोथ 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पहले के अनुमान से 0.5 प्रतिशत कम है। साल 2026 में ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 3 तक प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में डेव्हल्पड इकोनॉमी के बारे में कहा गया है कि ग्रोथ रेट साल 2025 में घटकर 1.4 प्रतिशत और 2026 में 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। ग्रोथ रेट का यह अनुमान 2025 के लिए जनवरी में जताए गए अनुमान की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है। यह साल 2024 में 1.8 प्रतिशत रही थी। इस साल के अनुमान में कनाडा, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका की ग्रोथ रेट अनुमान को कम किया गया है जबकि स्पेन के अनुमान को बढ़ाया गया है।
अमेरिका के लिए, 2025 में ग्रोथ रेट घटकर 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो साल 2024 से 1 प्रतिशत कम है। साथ ही जनवरी, साल 2025 के अनुमान से 0.9 प्रतिशत कम है। रिपोर्ट के अनुसार कहा है कि कंज्पशन में अनुमान की तुलना में हल्की बढ़त के बीच नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता, ट्रेड टेंशन और डिमांड में नरमी के कारण ग्रोथ का अनुमान कम किया गया है। टैरिफ के कारण साल 2026 में भी बढ़त पर भी असर पड़ने की आशंका है।
पिछले साल नरमी के बाद, उभरते और विकासशील एशिया में ग्रोथ रेट साल 2025 में कम होकर 4.5 प्रतिशत और 2026 में 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उभरते और विकासशील एशिया, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन यानी आसियान के सदस्य देश अप्रैल में घोषित टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
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चीन के लिए, साल 2025 की जीडीपी ग्रोथ रेट को घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है कि जबकि जनवरी की रिपोर्ट में इसे 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। यह हाल ही में लागू टैरिफ के असर को दर्शाता है। इसके साथ साल 2026 के लिए भी ग्रोथ के अनुमान को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4.0 प्रतिशत कर दिया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)