भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली: लीबिया में फंसे भारतीय कामगार किस हालत में हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये भारतीय कामगार दुबई के रास्ते बेनगाजी पहुंचे थे। वे बिना उचित दस्तावेजों के वहां गए थे और जब वे वहां पहुंचे तो उनके काम को लेकर कुछ समस्याएं सामने आईं थीं।
जयसवाल ने कहा कि हमारा दूतावास सक्रिय है और हमने भारतीय समुदाय के लोगों के माध्यम से कामगारों तक पहुंचकर उनकी मदद की है। हमने उनके भोजन, रोजमर्रा के सामान की व्यवस्था की है। क्योंकि वे बिना सही दस्तावेजों के लीबिया गए थे। इसलिए देश से बाहर निकलने के लिए अब उन्हें एग्जिट परमिट की जरूरत है।
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घटना क्रम पर है भारत की नजर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय दूतावास उनके एग्जिट परमिट की व्यवस्था करने के लिए लीबियाई अधिकारियों के संपर्क में है. एग्जिट परमिट में थोड़ा समय लग रहा है क्योंकि वे बिना उचित दस्तावेजों के वहां गए थे। हम स्थिति और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल
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किस हालत में भारतीय कामगार
भारत के अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 16 कामगारों को पिछले चार महीनों से एक सीमेंट फैक्ट्री में रोक कर रखा गया है। इन कामगारों का कहना है कि उन्हें जेल जैसे हालात में रहना पड़ रहा है। कामगारों ने बताया कि काम के लंबे घंटे, सही तरीके से वेतन न देना और नियोक्ता कंपनी की ओर से कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को न मानने की शिकायत करने के बाद उन्हें रोके रखा गया है।