किम जोंग ने बनाया खतरनाक हथियार, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन दुनिया पर कहर बरपाने के इरादे से घातक हथियारों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने अपने देशवासियों का जीवन दूभर कर दिया है और पहले ही परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं। अमेरिका के प्रभाव को चुनौती देने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। अब ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, किम जोंग उन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस आत्मघाती ड्रोन तैयार करवाए हैं, जिनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के लिए किया जा सकता है।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, किम जोंग उन का मानना है कि आधुनिक हथियारों के विकास में मानव रहित उपकरणों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उत्तर कोरिया की इस आक्रामक रणनीति ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश पहले ही उस पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं और आगे और कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन ने हाल ही में नए और उन्नत जासूसी ड्रोन का निरीक्षण किया, जो जमीन और समुद्र में दुश्मन के ठिकानों और गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण के लिए मानव रहित उपकरणों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किम ने यह भी जोर दिया कि सैन्य उद्देश्यों के लिए स्मार्ट ड्रोन विकसित करने की प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने के लिए एक दीर्घकालिक और मजबूत राष्ट्रीय कार्यक्रम आवश्यक है।
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राज्य मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में एक ड्रोन को टैंक जैसे लक्ष्य पर हमला करते और विस्फोट करते हुए देखा जा सकता है। किम अपने सहायकों के साथ एक बड़े ड्रोन के पास खड़े दिखाई दिए, जो आकार में एक सामान्य लड़ाकू विमान से बड़ा लग रहा था। इसके अलावा, किम एक चार इंजन वाले बड़े विमान के पास भी नजर आए, जिसकी ऊपरी सतह पर एक रडार स्थापित था। बताया जा रहा है कि यह विमान हवा में जल्दी चेतावनी देने वाली (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग) प्रणाली से लैस है, जिससे उत्तर कोरिया की पुरानी हवाई रक्षा प्रणाली को उन्नत किया जा सकता है।
उत्तर कोरिया ने हाल ही में ड्रोन तकनीक, खासकर आत्मघाती ड्रोनों के विकास पर विशेष जोर दिया है। माना जा रहा है कि यह परियोजना रूस के साथ पिछले एक वर्ष से बढ़ रही सैन्य साझेदारी का हिस्सा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान उत्तर कोरियाई सैनिकों को ड्रोन युद्ध में भाग लेने का अवसर मिला है, जिससे उन्हें युद्धक्षेत्र का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो रहा है।
किम जोंग-उन ने जासूसी, खुफिया जानकारी एकत्र करने, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और हमलों के लिए विकसित किए गए नए उपकरणों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने इस तकनीक के तेजी से विकास और सेना में शीघ्र तैनाती पर जोर दिया। यह उत्तर कोरिया की सैन्य शक्ति बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।