तस्वीर में वांग यी और एस जयशंकर एक साथ
रियो डी जेनेरियो: विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर ब्राजील में बैठक की। इसमें दोनों नेता ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग की सीमाओं से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की। पर्वतीय क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास टकराव के दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।
जयशंकर ने वांग के साथ बातचीत के बाद कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में उठाए जाने वाले अगले कदमों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि रियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सीपीसी (Chinese Communist Party) पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
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एस जयशंकर ने कहा कि हमने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से हालिया सैन्य वापसी प्रक्रिया में हुई प्रगति पर गौर किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में अगले कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा की। ब्राजील सोमवार और मंगलवार को जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
एस जयशंकर का X पर पोस्ट
On the sidelines of the G20 Summit in Rio, met CPC Politburo member and FM Wang Yi of China. We noted the progress in the recent disengagement in the India-China border areas. And exchanged views on the next steps in our bilateral ties. Also discussed the global situation. pic.twitter.com/fZDwHlkDQt — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 19, 2024
बता दें कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन द्वारा एक समझौता किए जाने के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने डेमचोक और देपसांग में सेनाओं की वापसी की कवायद पूरी कर ली थी। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी फिर से शुरू कीं।
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर सैनिकों की पट्रोलिंग को लेकर एक समझौते पर पहुंचे हैं। इसकी पुष्टि चीनी विदेश मंत्रालय ने भी की थी। इसके कुछ दिन बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में ब्रिक्स समिट से अलग द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी।