ईरान- US आमने-सामने, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
तेहरान: ओमान की खाड़ी में बुधवार को तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब एक अमेरिकी युद्धपोत और ईरानी नौसेना आमने-सामने आ गए। बताया जा रहा है कि अमेरिकी विध्वंसक पोत ईरान की समुद्री सीमा की ओर बढ़ रहा था। इसी बीच, ईरानी नौसेना का एक हेलीकॉप्टर उसे रोकने के लिए सामने आ गया और अमेरिकी पोत के काफी करीब उड़ान भरने लगा।
इस पर अमेरिका ने हेलीकॉप्टर को मार गिराने की चेतावनी दी। हालांकि, रूसी मीडिया ‘आरटी’ का दावा है कि स्थिति उलटी पड़ गई और ईरानी नौसेना ने अमेरिकी पोत को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया, यानी सरेंडर करा दिया।
अमेरिका और ईरान की नौसेनाएं ओमान की खाड़ी में आमने-सामने आ गई थीं और टकराव की स्थिति बन गई थी। हालांकि, समय रहते दोनों पक्षों के बीच तनाव को शांत कर लिया गया। ईरान के सरकारी TV ने इस घटना की जानकारी साझा की है। यह टकराव ईरान और इज़रायल के बीच 12 दिन चले युद्ध के बाद अमेरिका और ईरान की सेनाओं के बीच पहली सीधी मुठभेड़ थी। उस युद्ध के दौरान अमेरिका के बी-52 बमवर्षकों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था।
❗️ Iranian helicopter forces US destroyer DDG Fitzgerald to ‘surrender’ and leave Iranian waters in Sea of Oman — Tasnim News
Even after the US destroyer ‘threatened to target the Iranian helicopter’ pic.twitter.com/EcEjR1p62u
— RT (@RT_com) July 23, 2025
जब अमेरिकी नौसेना का विध्वंसक जहाज यूएसएस फिट्जगेराल्ड ओमान की खाड़ी में ईरान की समुद्री सीमा की ओर बढ़ने लगा, तो ईरान ने पलटवार करते हुए एक अटैक हेलीकॉप्टर तैनात भेजा। स्थानीय समय के अनुसार करीब सुबह 10 बजे ईरानी हेलीकॉप्टर अमेरिकी पोत के पास पहुंचा। इसे देखकर अमेरिकी नौसैनिकों ने उसे मार गिराने की धमकी दी। लेकिन तस्नीम न्यूज एजेंसी के हवाले से आरटी ने दावा किया है कि ईरानी हेलीकॉप्टर ने उल्टा अमेरिकी विध्वंसक पोत डीडीजी फिट्जगेराल्ड को पीछे हटने और ईरानी जलक्षेत्र से बाहर जाने पर मजबूर कर दिया। यह घटनाक्रम तब हुआ जब अमेरिका खुद ईरानी हेलीकॉप्टर को निशाना बनाने की चेतावनी दे रहा था।
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ईरान अपने चारों ओर स्थित अहम समुद्री मार्गों पर मजबूत पकड़ रखता है और इन्हें अपनी रणनीतिक ताकत के रूप में इस्तेमाल करता है। फारस की खाड़ी, होर्मुज जलडमरूमध्य और ओमान की खाड़ी जैसे इलाकों में उसकी स्थिति विशेष रूप से मजबूत है। ईरान अक्सर इन मार्गों को अवरुद्ध कर अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है।
इसलिए इस क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी पश्चिमी ताकतें अक्सर अपने नौसैनिक बेड़े की गश्त बढ़ा देती हैं। उनका उद्देश्य ईरान या उसके सहयोगियों, जैसे यमन के हूथी विद्रोहियों, द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर हमलों को रोकना है। यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।