डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की कड़ी आलोचना की है। ट्रंप ने इसे अमेरिका की बड़ी भूल करारा देते हुए देश के इतिहास का सबसे शर्मनाक क्षण बताया है।
एक कैबिनेट बैठक के दौरान बोलते हुए, ट्रंप ने अमेरिकी सैन्य कमांडरों, खासकर ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के पूर्व अध्यक्ष मार्क मिले की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने सैन्य उपकरणों को छोड़ने और बगराम एयरबेस के नुकसान की ओर इशारा किया, जिसका उन्होंने रणनीतिक महत्व बताया।
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सैन्य कमांडरों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान से वापसी के दौरान बहुमूल्य सैन्य उपकरण वहीं छोड़ दिए, जबकि उन्हें एक-एक चीज वापस ले जानी चाहिए थी। हर पेंच, हर बोल्ट, हर कील। ट्रंप ने कहा, “वे लोग हर साल इन उपकरणों के साथ परेड करते हैं, और हम सब वहीं छोड़ आए।”
उन्होंने यह भी कहा कि 150 मिलियन डॉलर (15 करोड़ डॉलर) के हवाई जहाज को पाकिस्तान, भारत या किसी अन्य देश उड़ाकर ले जाना, उसे वहीं छोड़ने से कहीं सस्ता होता। ट्रंप ने तंज कसते हुए कहा, “तभी मुझे समझ में आया कि वह मूर्ख नहीं है। मुझे यह जानने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उन्होंने अपनी गरिमा वहीं छोड़ दी थी। मेरे हिसाब से यह अमेरिका के इतिहास का सबसे शर्मनाक क्षण था।”
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमारे पास अफगानिस्तान था, और मुझे लगता है कि हमारे देश के इतिहास का वह सबसे शर्मनाक पल था जब हम वहाँ से इस तरह निकले। वह मैं ही था जिसने इसे नीचे गिराया। मैं बगराम एयरबेस, जो अब चीन के नियंत्रण में है, को अपने पास रखता। यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली रनवे में से एक था। मजबूत कंक्रीट और सील से बना हुआ, इतना घना कि कोई भी विमान वहाँ उतर सकता था। यह जगह उस स्थान से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है, जहाँ चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है।
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वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य वापसी या स्थायी उपस्थिति को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अमेरिका भले ही एक महाशक्ति हो और कुछ इस्लामी देशों, विशेष रूप से अरब देशों पर उसका प्रभाव हो, लेकिन अफगानिस्तान के मामले में वह गलत है। अफगान लोग अपनी धरती पर किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका को इस नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि स्थानीय स्तर पर इसका तीव्र विरोध है।