उत्तर कोरिया का फूटा गुस्सा, (डिजाइन फोटो)
America South Korea Military Exercises: दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सोमवार से अपना वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड’ शुरू कर दिया है। इस अभ्यास का उद्देश्य परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया से पैदा होने वाले खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करना है। वहीं दूसरी ओर, उत्तर कोरिया ने इसको देखते हुए आगाह करते हुए चेतावनी जारी की है कि इस कदम से क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ सकता है।
उत्तर कोरिया ने एक प्रकार से धमकी देते हुए कहा है कि वह अपने खिलाफ होने वाली किसी भी उकसावे की कार्रवाई का कड़ा जवाब देगा। यह सैन्य अभ्यास 11 दिनों तक चलेगा और साल में दो बार होने वाले बड़े पैमाने के युद्धाभ्यास में से दूसरा है। इसमें कुल 21,000 सैनिक शामिल हैं, जिनमें से 18,000 दक्षिण कोरिया के हैं। इस अभ्यास में कंप्यूटर-आधारित कमांड पोस्ट ऑपरेशन के साथ-साथ जमीनी स्तर पर फील्ड ट्रेनिंग भी की जा रही है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया का दावा है कि उनका यह सैन्य अभ्यास केवल रक्षा के उद्देश्य से किया जा रहा है, लेकिन उत्तर कोरिया इसे हमेशा हमले की तैयारी के रूप में लेता है और अक्सर ऐसे मौकों पर हथियारों का परीक्षण करता है। पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल ने कहा था कि यह युद्धाभ्यास “सैन्य टकराव” का संकेत देता है और उनकी सेना किसी भी तरह की उकसावे की स्थिति में जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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यह सैन्य अभ्यास उस समय हो रहा है जब दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्योंग 25 अगस्त को वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की तैयारी में हैं। उत्तर कोरिया ने ली की कूटनीतिक पहल को अनदेखा करते हुए रूस के साथ अपने संबंध और मजबूत कर लिए हैं। हाल ही में ली ने 2018 के सैन्य समझौते को बहाल करने की बात कही थी, जिसका मकसद सीमा पर तनाव को कम करना था। हालांकि, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि इस समझौते की बहाली से मौजूदा संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रभावित नहीं होंगे।