डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। इस बात की जानकारी देते हुए नेतन्याहू ने कहा, “मैं वह पत्र आपके समक्ष रखना चाहता हूं जो नोबेल समिति को भेजा गया है। इस पत्र में आपको शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया गया है, क्योंकि आप इसके वास्तविक हकदार हैं और यह सम्मान आपको मिलना चाहिए।”
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमने कई संघर्षों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है। इनमें सबसे अहम था भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव, जिसे हमने व्यापारिक मसलों पर दखल देकर टाल दिया। हमने दोनों देशों से साफ कह दिया था कि अगर वे युद्ध की राह पर चलते हैं, तो अमेरिका उनके साथ किसी तरह का सहयोग नहीं करेगा। उस वक्त हालात इतने गंभीर थे कि शायद मामला परमाणु युद्ध तक पहुंच सकता था। ऐसे में उस स्थिति को रोकना बेहद जरूरी था।”
#WATCH | Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu nominates US President Donald Trump for the Nobel Peace Prize
PM Netanyahu says, "I want to present to you, Mr President, the letter I sent to the Nobel Prize Committee. It's nominating you for the Peace Prize, which is well… pic.twitter.com/D9QdLfw1fQ
— ANI (@ANI) July 7, 2025
जब ट्रंप से यह सवाल किया गया कि क्या वे अमेरिकी टैरिफ लगाने की 1 अगस्त की समयसीमा को लेकर पूरी तरह अडिग हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं इसे दृढ़ कहूंगा, लेकिन बिल्कुल 100 प्रतिशत नहीं। अगर वे हमें कॉल करें और कहें कि कुछ बातों को दूसरे तरीके से सुलझाना है, तो हम इसके लिए खुले हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हम यूक्रेन को कुछ और हथियार देने जा रहे हैं। उन्हें अपनी रक्षा खुद करने में सक्षम होना चाहिए। उन्हें काफी नुकसान हो रहा है और इस संघर्ष में कई लोगों की जान जा रही है।”
भारत ने खोली पोल! ऑपरेशन सिंदूर में पकड़ा गया पाक-चीन कनेक्शन, मचा बवाल
जब डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान पर फिर से हमला करेगा, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे उम्मीद है कि ऐसा करने की नौबत नहीं आएगी। मैं नहीं मानता कि हम ऐसा चाहेंगे और मुझे नहीं लगता कि ईरान भी ऐसा कुछ चाहता है। वे बातचीत करना चाहते हैं, समाधान की कोशिश में हैं। वे अब पहले से काफी बदल गए हैं, खासकर दो हफ्ते पहले की तुलना में।”
इस बार नेतन्याहू और ट्रंप की मुलाकात बेहद गोपनीय रही। न तो इसकी कोई लाइव कवरेज हुई और न ही कैमरों के सामने किसी तरह की लंबी बातचीत देखने को मिली, जैसा कि आमतौर पर इस तरह की बैठकों में होता है। इसे ‘निजी डिनर’ का नाम दिया गया है। इसके अलावा दोपहर में नेतन्याहू ने ट्रंप के मिडिल ईस्ट एडवाइजर स्टीव विटकॉफ और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी मुलाकात की। हालांकि, इन बैठकों से जुड़ी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।