रंजनी श्रीनिवासन (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: कोलंबिया यूनिवर्सिटी की भारतीय छात्रा रंजन श्रीनिवासन को अमेरिका से खुद को निर्वासित करना पड़ा, जब उनके वीज़ा को अचानक रद्द कर दिया गया। उन्होंने इसे एक डरावना सपना बताया है, और कहा कि उन्हें ऐसा माहौल महसूस हो रहा है जहां जरा-सी राजनीतिक अभिव्यक्ति से खुद को गंभीर खतरे में डाल सकती है। 37 वर्षीय रंजनी श्रीनिवासन, जो शहरी योजना (अर्बन प्लानिंग) में पीएचडी कर रही थीं, ने अमेरिकी सरकार के सीबीपी होम ऐप का इस्तेमाल कर 11 मार्च 2025 को खुद को निर्वासित कर दिया। उन्होंने कहा कि माहौल इतना तनावपूर्ण और असुरक्षित लग रहा था कि उन्हें तुरंत फैसला लेना पड़ा।
रंजनी के मुताबिक आज की दुनिया में सोशल मीडिया पर जरा सी बात कहना भी किसी को आतंकी समर्थक करार देने और जीवन के लिए खतरा महसूस कराने के लिए काफी हो सकता है। रंजनी का नाम उस समय चर्चा में आया, जब अमेरिका में इज़राइल-हमास युद्ध के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी और अन्य जगहों पर प्रोपलस्तीन प्रदर्शनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। अमेरिकी प्रशासन ने कुछ विदेशी छात्रों को खास तौर पर निशाना बनाया, और उनमें से एक रंजन भी थीं।
विदेश की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारियों ने उनकी वीज़ा नवीनीकरण (रिन्युअल) प्रक्रिया के दौरान पाया कि उन्होंने दो अदालत समन (कोर्ट समन) की जानकारी नहीं दी थी। पिछले साल कोलंबिया यूनिवर्सिटी के पास हुए एक प्रोटेस्ट के दौरान रंजनी को गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने अपार्टमेंट लौट रही थीं। उस दिन प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया था, लेकिन उनका का दावा है कि वह उसमें शामिल नहीं थीं। पुलिस ने उन्हें भीड़ के बीच फंसने के कारण गिरफ़्तार किया और उनके खिलाफ यातायात बाधित करने और भीड़ से अलग न होने का आरोप लगाया। बाद में अदालत ने यह मामला खारिज कर दिया और उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं बना।
रंजनी श्रीनिवासन का मामला अमेरिका में अभिव्यक्ति की आज़ादी और इमिग्रेशन नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। अमेरिकी सरकार इसे कानूनी कार्रवाई कह रही है, लेकिन कई लोग इसे राजनीतिक साजिश मान रहे हैं। उनके वकील ने कहा कि वह सिर्फ घर लौट रही थीं और गलती से भीड़ में फंस गईं थी। अदालत ने भी उन्हें निर्दोष पाया, फिर भी उन पर इतनी सख्त कार्रवाई क्यों की गई। श्रीनिवासन अब एक अनिश्चित भविष्य की ओर देख रही हैं। क्या यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, या उन्हें सिर्फ उनकी राजनीतिक विचारधारा की वजह से निशाना बनाया गया है।