
US ने जारी की नई सुरक्षा नीति, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Donald Trump NSS Report: अमेरिका ने अपनी 33 पन्नों की नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी (NSS) जारी कर दी है, जिसने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। हर अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में यह रणनीतिक दस्तावेज जारी करता है, जो बताता है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका दुनिया में किस दिशा में आगे बढ़ेगा। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी यह रिपोर्ट खासकर भारत, चीन, रूस और पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
नई NSS में अमेरिका ने चीन को अपनी सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती और प्राथमिक प्रतिद्वंदी बताया है। दस्तावेज़ के अनुसार, बीजिंग आर्थिक, तकनीकी और सैन्य क्षेत्र में अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना अमेरिका की टॉप प्राथमिकता घोषित की गई है। साफ है कि आने वाला दशक अमेरिका बनाम चीन की शक्ति प्रतिस्पर्धा का होगा, जहां दोनों महाशक्तियाँ लगातार बढ़त हासिल करने की कोशिश करेंगी।
अमेरिकी रणनीति में भारत को Indo-Pacific and global security का key partner बताया गया है। अमेरिका अब खुले तौर पर भारत को चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शक्ति मान रहा है। रक्षा, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और आर्थिक सहयोग में भारत के साथ गहरी साझेदारी बढ़ाने की बात कही गई है। QUAD में भारत की भूमिका को और मजबूत करने की भी घोषणा की गई है।
यह रणनीतिक ऐलान पाकिस्तान के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि चीन-भारत-अमेरिका की त्रिकोणीय राजनीति में उसकी भूमिका तेजी से कम होती दिख रही है।
अमेरिका ने माना है कि रूस के साथ लगातार टकराव और लंबी लड़ाइयां रणनीतिक गलती थीं। नई रणनीति कहती है कि रूस के साथ टकराव कम करके स्ट्रैटेजिक स्थिरता बनाना जरूरी है। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पुतिन की दिल्ली यात्रा के दौरान रूस-भारत संबंध पहले से मजबूत हो रहे हैं। अब अमेरिका की यह नई नीति, भारत-रूस-अमेरिका की त्रिकोणीय राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकती है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका अब दुनिया का पुलिसमैन बनने की भूमिका कम करेगा और अनावश्यक विदेशी युद्धों से दूरी बनाएगा। हालांकि जहां अमेरिकी हित खतरे में होंगे, वहां अमेरिका शक्ति का प्रयोग जारी रखेगा। इसका मतलब है कि अमेरिका अपनी सैन्य मौजूदगी कम करेगा लेकिन रणनीतिक प्रभाव बरकरार रखेगा।






