
अमेरिकी चाल में फंसे खामेनेई, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Iran Encircled by America: अमेरिका ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक नया सैन्य अड्डा बनाने की योजना शुरू कर दी है। यह कदम सिर्फ एक सैन्य रणनीति नहीं, बल्कि ईरान पर बढ़ते अमेरिकी दबाव का भी संकेत है।
मिडिल ईस्ट में अमेरिकी मौजूदगी पहले से ही मजबूत है। अमेरिका के सैन्य ठिकाने बहरीन, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कुवैत, कतर, सऊदी अरब और इराक जैसे देशों में पहले से हैं। अब जब सीरिया में भी अमेरिकी उपस्थिति बढ़ने जा रही है, तो ईरान लगभग चारों दिशाओं से अमेरिकी घेरे में आ गया है।
वर्तमान में अमेरिका के करीब 40,000 सैनिक मिडिल ईस्ट के विभिन्न देशों में तैनात हैं। यह तैनाती अमेरिका को इस क्षेत्र में राजनीतिक और सैन्य रूप से मजबूत बनाती है, जबकि ईरान के लिए यह एक गंभीर रणनीतिक खतरा बनता जा रहा है।
दमिश्क में प्रस्तावित नया अड्डा सीरिया और इजरायल के बीच होने वाले संभावित सुरक्षा समझौते की निगरानी करेगा। यह इस बात का संकेत है कि अमेरिका अब सीधे सीरिया की राजधानी से मिडिल ईस्ट की राजनीति को प्रभावित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
यह बेस उस क्षेत्र के पास बनाया जा रहा है, जिसे इजरायल-सीरिया शांति समझौते के तहत “बिना सेना वाला इलाका” बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर तैयार हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बेस की तैयारियों में शामिल छह सूत्रों ने पुष्टि की कि अमेरिका इस अड्डे का उपयोग संभावित इजरायल-सीरिया समझौते की निगरानी के लिए करेगा।
अमेरिका पहले से ही उत्तर-पूर्वी सीरिया में सैनिकों को तैनात रखता है, जो कुर्द बलों की मदद से ISIS (इस्लामिक स्टेट) के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। एक सीरियाई रक्षा अधिकारी के अनुसार, अमेरिका ने हाल में C-130 सैन्य विमान के जरिए दमिश्क के रनवे की जांच की है। हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि अमेरिकी सैनिकों को इस बेस पर कब भेजा जाएगा।
अमेरिका का यह कदम ईरान के लिए गहरी चिंता का विषय है। ईरान पहले से ही अमेरिका से घिरा हुआ है, और अब सीरिया में अमेरिकी उपस्थिति उसे पूरी तरह रणनीतिक दबाव में डाल सकती है।
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रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका इजरायल और सीरिया के बीच एक सुरक्षा समझौता कराने की कोशिश कर रहा है। यह वार्ता संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान घोषित की जानी थी लेकिन अंतिम क्षणों में रुक गई। अब वॉशिंगटन इस साल के अंत से पहले समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दमिश्क पर दबाव बना रहा है।






