
डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
US Ends Automatic Renewal Of Work Permits For Migrants: अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज (EAD) से जुड़ा बड़ा बदलाव किया है। नए नियम के तहत किसी विदेशी नागरिक के रोजगार प्राधिकरण नवीनीकरण को समय पर मंजूरी नहीं मिलती, तो वह अपनी नौकरी जारी नहीं रख पाएगा। यह नया नियम गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) से लागू हो गया है।
नए प्रावधान के तहत, ईएडी के ऑटोमैटिक एक्सटेंशन (स्वत: विस्तार) की सुविधा समाप्त कर दी गई है। पहले विदेशी कर्मचारी अपने नवीनीकरण आवेदन लंबित रहने के दौरान 540 दिनों तक काम जारी रख सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि नवीनीकरण आवेदन व्यक्ति के मौजूदा ईएडी के खत्म होने पहले मंजूर नहीं होता है, तो उसे तुरंत काम बंद करना होगा।
डीएचएस ने अपने बयान में कहा है कि, विदेशी नागरिकों को अपने ईएडी नवीनीकरण के लिए समय से आवेदन करना चाहिए यानी मौजूदा ईएडी की समाप्ति से कम से कम 180 दिन पहले आवेदन दाखिल किया जाना चाहिए। विभाग ने चेतावनी दी है कि देरी से आवेदन करने पर रोजगार प्राधिकरण में अस्थायी रुकावट या दस्तावेजी कमी का सामना करना पड़ सकता है।
माना जा रहा है कि, इस फैसले से हजारों भारतीय पेशेवरों और उनके परिजनों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। भारतीय नागरिक अमेरिकी प्रवासी कार्यबल का बड़ा हिस्सा हैं और पहले से ही ग्रीन कार्ड वीजा प्रक्रियाओं की देरी से जूझ रहे हैं। इमिग्रेशन विशेषज्ञ हेनरी लिंडपेरे के मुताबिक, यह बदलाव अमेरिका में रोजगार प्राधिकरण नवीनीकरण की प्रक्रिया में एक बड़ा परिवर्तन है। जिन श्रेणियों पर इसका सर्वाधिक असर पड़ेगा, उनमें OPT छात्र, H-4 वीजा धारक और ग्रीन कार्ड आवेदक शामिल हैं।
फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने बुधवार को राज्य की यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया कि वे विदेशी वर्क वीजा धारकों के बजाय अमेरिकी नागरिकों को रोजगार दें। उन्होंने कहा कि देशभर की कई यूनिवर्सिटीज योग्य अमेरिकी नागरिकों के मौजूद होने के बावजूद H-1B वीजा पर विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं, जो वीजा सिस्टम के दुरुपयोग के समान है।
यह भी पढ़ें: कनाडा में खालिस्तानी नेटवर्क पर मचा बवाल, संसद में मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी घोषित करने की मांग
डीसैंटिस ने साफकिया कि फ्लोरिडा में ऐसी प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि किसी विश्वविद्यालय को योग्य अमेरिकी उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, तो उन्हें अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि वे ऐसे ग्रेजुएट तैयार कर सकें जो इन पदों के लिए सक्षम हों।






