
ट्रंप के निर्वासन नीति के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग (फोटो- सोशल मीडिया)
Trump illegal immigration policy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इसके तहत अवैध प्रवासियों को उनके देश डिपोर्ट करने से लेकर जेल में बंद किया जा रहा है। साथ कई अफ्रीकी देशों में उन्हें भेजा जा रहा है। इसे लेकर एक छोटे से अफ्रीकी देश एस्वातिनी ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एस्वातिनी के लोग अवैध प्रवासियों को उनसे देश डिपोर्ट किए जाने से काफी नाराज हैं और लगातार ट्रंप के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं हैं। उनका कहना है कि उनका देश ट्रंप प्रशाशन का कोई डंपिंग यार्ड यानी कचरा फेंकने की जगह, कचराघर नहीं है। एस्वातिनी के लोग इसे अपने अपमान की तरह देख रहे हैं। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) ने एस्वातिनी भेजे गए प्रवासियों को खतरनाक बताया है।
एस्वातिनी अफ्रीका महाद्विप का एक छोटा सा देश है। इसका अकारा अमेरिका के न्यू जर्सी जितना है। इसे पहले स्वाजीलैंड के नाम से जाना जाता था। जिसकी कुल आबादी 10 लाख के करीब है। यहां राजशाही चलती है और सारी शक्ति राजा के हाथ में है। बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका से निर्वासित किए गए पांच लोगों को जेल में अलग-अलग रखा गया है। जब उनसे पूछा गया कि ऐसे खतरनाक अपराधियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति क्यों दी गई, तो उन्होंने जवाब दिया, “निर्वासित व्यक्ति न तो देश के लिए और न ही उसके नागरिकों के लिए कोई खतरा हैं।”
ट्रंप प्रशासन बड़ी संख्या में विदेशी कैदियों को अल सल्वाडोर की जेलों में भेज रहा है। इसके साथ ही व्हाइट हाउस चुपचाप कई अफ्रीकी देशों के साथ ऐसे अपराधियों को रखने के लिए समझौते करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कुछ देश अपने नागरिकों को वापस लेने से इंकार कर रहे हैं या केवल सीमित संख्या में ही उन्हें स्वीकार कर रहे हैं।
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एस्वातिनी पहले से ही गरीबी, बेरोजगारी और बढ़ती अपराध दर जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, जबकि यहां की जेलें पहले से ही भर चुकी हैं। विश्व बैंक के अनुसार, एस्वातिनी की आधे से अधिक आबादी रोजाना 4 डॉलर से भी कम में जीवन यापन करने को मजबूर है।






