नेपाल में सड़कों पर प्रदर्शनकारी (सोर्स - सोशल मीडिया)
काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को राजशाही की बहाली की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जो जल्द ही हिंसक रूप ले बैठा। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर तोड़फोड़ की, इमारतों में आग लगाई और पुलिस से भिड़ गए। हालात बेकाबू होते ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इस हिंसा के बाद प्रशासन ने काठमांडू के तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नेपाल में फिर से राजशाही लागू की जाए और इसे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
इस प्रदर्शन की अगुवाई नवराज सुबेदी के नेतृत्व वाली संयुक्त आंदोलन समिति ने की, जिसमें विवादास्पद व्यवसायी दुर्गा प्रसाई ने भी अपने समर्थकों को जुटाया। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘राजा आओ, देश बचाओ’ और ‘भ्रष्ट सरकार हटाओ’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें भी लहराई गईं। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद झड़पों में कई लोग घायल हुए और कई को हिरासत में लिया गया।
#WATCH | Nepal: Visuals from Kathmandu where a protester was seen damaging a CCTV camera while a plume of smoke rose after an arson.
A clash erupted between pro-monarchists and Police in Kathmandu today. The protesters are demanding the restoration of the monarchy. Curfew has… pic.twitter.com/5ZdEhipzx7
— ANI (@ANI) March 28, 2025
शुक्रवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और नेपाल में दोबारा राजशाही लागू करने की मांग करने लगे। स्थिति उस वक्त हिंसक हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
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प्रदर्शनकारियों के उग्र होने के बाद पुलिस ने काठमांडू के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने कहा है कि अगर हालात काबू में नहीं आए तो और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।