यूक्रेन के सूमी क्षेत्र में भड़की जंग, डिजाइन फोटो
Russia Ukraine News In Hindi: यूक्रेन की सेना ने सूमी क्षेत्र में रूसी घुसपैठ की कोशिशों का कड़ा विरोध करने का दावा किया है। यह जानकारी रविवार को उस समय सामने आई, जब रिपोर्ट्स में कहा गया कि मॉस्को ने सीमावर्ती गांव ग्राबोव्स्के से लगभग 50 नागरिकों को जबरन भेज दिया है।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, यह घटनाक्रम उस इलाके में रूसी सेना की नई बढ़त का संकेत देता है जो वर्ष 2022 में यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई के बाद से बड़े जमीनी संघर्ष से से काफी हद तक बचा रहा था।
यूक्रेन के संयुक्त कार्य बल ने बताया कि ग्राबोव्स्के गांव में फिलहाल भीषण लड़ाई जारी है और यूक्रेनी सेना रूसी सैनिकों को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही है। यूक्रेन ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि रूसी सेना पड़ोसी गांव रियास्ने तक पहुंच चुकी है। वहीं, शनिवार को रूस की सेना ने दावा किया था कि उसने ग्राबोव्स्के के पास स्थित वायसोके गांव पर कब्जा कर लिया है।
इस बीच, अमेरिका और यूक्रेन के दूतों ने मियामी में हुई बातचीत को सकारात्मक और रचनात्मक बताया हालांकि युद्ध समाप्त करने को लेकर किसी ठोस सफलता की घोषणा नहीं की गई। डोनाल्ड ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और यूक्रेन के शीर्ष वार्ताकार रुस्तम उमेरोव ने अलग-अलग बयानों में कहा कि पिछले तीन दिनों में अमेरिकी और यूरोपीय सहयोगियों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें हुईं। विटकॉफ ने कहा कि प्राथमिकता हत्याओं को रोकने, सुरक्षा की गारंटी देने और यूक्रेन की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने की है।
हालांकि, क्रेमलिन ने यूक्रेन, रूस और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि इस तरह की किसी पहल पर न तो गंभीर चर्चा हुई है और न ही कोई तैयारी चल रही है। इसके बावजूद, रूसी प्रतिनिधि अमेरिका के साथ यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत के लिए फ्लोरिडा में मौजूद हैं और इन वार्ताओं को सकारात्मक बताया गया है।
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर बातचीत कर युद्ध को न्यायपूर्ण और स्थायी रूप से समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन को समर्थन देने वाले सहयोगी देशों की भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया।
वहीं, अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में लगातार यह चेतावनी दी जा रही है कि पुतिन ने पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने और पूर्व सोवियत क्षेत्रों पर प्रभाव बढ़ाने की अपनी महत्वाकांक्षा नहीं छोड़ी है। अमेरिकी सांसद माइक क्विगली के अनुसार, खुफिया एजेंसियों का आकलन साफ है कि रूस की मंशा अभी और आगे बढ़ने की है जिससे यूरोप में सुरक्षा चिंताएं और गहरी हो गई हैं।