
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप। इमेज-सोशल मीडिया
Trump Business in India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर दिन अलग मिजाज में रहते हैं। हाल में उन्होंने भारत को अद्भुत देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना महान दोस्त बताया है। अब दोनों देशों में कूटनीतिक बातचीत और व्यापारिक समझौते की कोशिशें तेज हो गई हैं। महीनों से चल रहे टैरिफ विवाद के बाद यह सकारात्मक संकेत माना जा रहा। टैरिफ को लेकर भले भारत पर ट्रंप का रुख सख्त रहा हों, लेकिन भारत में उनकी प्रॉपर्टी में निवेश की कहानी कुछ और बयां करती है। दरअसल, अमेरिका के बाहर भारत ट्रंप-ब्रांडेड प्रॉपर्टीज के लिए सबसे बड़ा बाजार बन रहा है। ट्रंप का भारत के साथ व्यापारिक रिश्ता बेहद गहरा है। उनके ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के लिए भारत सबसे बड़े रियल एस्टेट बाजारों में से एक है।
पिछले साल तक ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन ने कई बड़े बिल्डरों के साथ मिलकर मुंबई, पुणे, कोलकाता और गुरुग्राम में 7 प्रोजेक्ट्स से 175 करोड़ रुपये कमाए थे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में भारत में पहले ट्रंप प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद से देश में ब्रांड की मौजूदगी चार गुना बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल तक 30 लाख वर्ग फीट निर्माण हुआ था। यह सभी मौजूदा प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर 1.1 करोड़ वर्ग फीट तक पहुंचेगा।
भारत में ट्रंप-ब्रांडेड प्रॉपर्टीज को संभालने वाली ट्रिबेका के अनुसार, इन नए डेवलपमेंट से कम–से–कम 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री हो सकती है। यह अनुमान इसी साल की शुरुआत में पुणे में कंपनी के पहले कमर्शियल प्रोजेक्ट के लॉन्च के दौरान साझा किया गया था।
ट्रंप संगठन भारत में ब्रांड लाइसेंसिंग मॉडल का इस्तेमाल कर बिजनेस चलाता है। मतलब वह प्रोजेक्ट बनाने में पैसा नहीं लगाते हैं। इसके बजाय वह भारतीय डेवलपर्स को एक फीस के बदले ट्रंप नाम का इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं। ये डेवलपर ही लग्जरी प्रॉपर्टीज को फंड करते, बनाते और बेचते हैं। इस तरीके ने बिना वित्तीय जोखिम के भारत में ट्रंप की रियल एस्टेट ग्रोथ को बढ़ाया है।
ट्रंप संगठन के भारत में मुख्य पार्टनर ट्रिबेका डेवलपर्स हैं। इसका नेतृत्व कल्पेश मेहता करते हैं। इस कंपनी ने लोढ़ा ग्रुप, पंचशील रियल्टी, एम3एम ग्रुप और यूनिमार्क जैसी बड़ी भारतीय रियल एस्टेट फर्मों के साथ मिलकर ये प्रॉपर्टीज बनाई हैं। अगस्त तक मुंबई, पुणे, गुरुग्राम और कोलकाता में 4 ट्रंप टावर प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 35 लाख वर्ग फीट है। पुणे, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में 6 और प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं। इनसे 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है। इस विस्तार के साथ भारत में 10 ट्रंप-ब्रांडेड प्रोजेक्ट्स होंगे, जो इसे अमेरिका के बाहर ट्रंप टावर्स का सबसे बड़ा बाजार बनाएगा।
2024 में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भारत में 6 नए ट्रंप-ब्रांडेड प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई है। ये प्रोजेक्ट्स ब्रांड को बेंगलुरु, नोएडा, हैदराबाद, गुरुग्राम, मुंबई और पुणे जैसे नए शहरों में ले जाएंगे। गुरुग्राम में ट्रंप टावर्स पहले से हैं। इन नए प्रोजेक्ट्स में रेजिडेंशियल, कमर्शियल और रिक्रिएशनल स्पेस का मिश्रण होगा।
यह भारत में ट्रंप का पहला कमर्शियल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट होगा। इसे कोरेगांव पार्क में बनाया जाएगा, जो 16 लाख वर्गफीट में फैला होगा। इस प्लान में दो 27 मंजिला ग्लास टावर, एक लग्जरी शॉपिंग स्ट्रीट और भारत का पहला ट्रंप क्लब शामिल है। इस प्रोजेक्ट से 2,500 करोड़ रुपये कमाने की उम्मीद है।
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इन प्रोजेक्ट्स को कहां बनाया जाएगा, उसकी सटीक लोकेशन नहीं बताई गई है। मगर, यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। ट्रंप वर्ल्ड टावर्स मुंबई, पुणे और गुरुग्राम में बनाए जाएंगे, जहां ट्रंप टावर्स पहले से हैं। मगर, ये नए प्रोजेक्ट इन शहरों में पहले से मौजूद प्रोजेक्ट्स से अलग होंगे। सभी 6 प्रोजेक्ट्स स्थानीय रियल एस्टेट बिल्डरों के साथ साझेदारी में विकसित होने हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, काम एक फुल-स्टैक डेवलपमेंट और मैनेजमेंट मॉडल का पालन करेगा। मतलब वही टीमें प्लानिंग से बिक्री तक सब कुछ संभालेगी।
8 दिसंबर को ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) के निदेशक एरिक स्वाइडर ने हैदराबाद में आयोजित तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट के दौरान एक चौंकाने वाली घोषणा की। उन्होंने बताया कि ट्रंप ग्रुप से जुड़ीं कंपनियां अगले 10 वर्षों में तेलंगाना की फ्यूचर सिटी और आसपास के क्षेत्रों में 1 लाख करोड़ (का निवेश करने का इरादा रखती हैं। यह भारत में किसी भी विदेशी रियल एस्टेट और टेक ग्रुप द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक है। ध्यान देने वाली बात है कि एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति भारत पर टैरिफ को लेकर सख्त हैं, दूसरी ओर उनकी रियल एस्टेट कंपनी भारत में बिजनेस का तेजी से विस्तार कर रही। यह दिखाता है कि भारत ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के लिए महत्वपूर्ण और लाभदायक बाजार बनता जा रहा है।






