न्याय मंत्री शबाना महमूद, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
लंदन: ब्रिटेन सरकार ने यौन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए एक नई पहल की है, जिसके तहत उनकी यौन इच्छाओं को नियंत्रित करने के लिए विशेष दवाओं का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रक्रिया को ‘केमिकल कास्ट्रेशन’ कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल होते ही ऐसे अपराधियों को ‘नपुंसक’ बना दिया जाएगा।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह कदम जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या को कम करने और यौन अपराधों की दर घटाने के मकसद से उठाया गया है। न्याय मंत्री शबाना महमूद ने गुरुवार को संसद में जानकारी दी कि इस योजना की शुरुआत दो क्षेत्रों की 20 जेलों में की जाएगी, और भविष्य में इसे सभी पर अनिवार्य करने पर भी विचार किया जा रहा है।
शबाना महमूद ने कहा कि यह जरूरी है कि इस तरह के उपचार के साथ-साथ मानसिक रूप से भी इलाज किया जाए, ताकि उन अपराधों के पीछे छिपे कारणों जैसे शक्ति और नियंत्रण की लालसा को भी समझा और दूर किया जा सके। हालांकि, जांच में यह बात सामने आई है कि यह इलाज उन अपराधियों के लिए प्रभावी नहीं होता जो अपनी ताकत और दूसरों पर नियंत्रण की इच्छा के चलते अपराध करते हैं, जैसे कि बलात्कारी।
फिर भी, एक अध्ययन के अनुसार, केमिकल कास्ट्रेशन से अपराधियों के दोबारा अपराध करने की संभावना में लगभग 60 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। यह उपचार जर्मनी और डेनमार्क में स्वेच्छा से और पोलैंड में कुछ मामलों में अनिवार्य रूप से अपनाया जा रहा है।
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पूर्व न्याय मंत्री डेविड गॉक के नेतृत्व में की गई एक व्यापक समीक्षा में यह प्रस्ताव शामिल था कि यौन अपराधियों को ‘नपुंसक’ बनाया जाए, ताकि जेल प्रणाली में सुधार किया जा सके और अपराध की घटनाओं में कमी लाई जा सके। लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद शबाना महमूद ने पिछले वर्ष जुलाई में सबसे पहले जेलों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से कैदियों की जल्दी रिहाई का कार्यक्रम शुरू किया था। उनका कहना है कि पिछली कंजर्वेटिव सरकार ने वर्षों तक न्याय प्रणाली की अनदेखी की, जिससे इस तरह के कड़े कदम उठाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जेलों में जगह की समस्या बनी रही, तो पुलिस को गिरफ्तारियां रोकनी पड़ेंगी और अपराधी बिना सजा के समाज में घूमते रहेंगे।
शबाना महमूद ने आगे कहा कि वे कंजर्वेटिव सरकार की नीतियों से हुई गड़बड़ियों को सुधारने का काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 19वीं सदी के बाद ब्रिटेन में जेलों के विस्तार के लिए पहली बार इतना बड़ा कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि पिछले 30 वर्षों में ब्रिटेन की जेलों में कैदियों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 90,000 तक पहुंच गई है, जबकि इसी दौरान अपराध की दर में गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह अपराध के प्रति कड़ी सजा की बढ़ती मांग और लंबी सजाओं का प्रचलन है। सरकार की नई नीति का उद्देश्य जेलों की भीड़ को कम करना और अपराधियों के पुनर्वास की दिशा में काम करना है।