डोनाल्ड ट्रंप, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
Trump G20 2026: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चाहें, तो वे 2026 में मियामी में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में उनका स्वागत करेंगे। ट्रंप ने शुक्रवार को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह पुतिन और जिनपिंग को इस सम्मेलन में देखना पसंद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक दिलचस्प सवाल है और यदि वे चाहें तो पर्यवेक्षक के रूप में भी भाग ले सकते हैं, हालांकि उन्हें नहीं पता कि वे ऐसा करना चाहेंगे या नहीं।
ट्रंप ने बताया कि अगले साल अमेरिका अपनी 250वीं वर्षगांठ मनाएगा और लगभग 20 साल बाद जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह आयोजन फ्लोरिडा के उनके निजी डोरल गोल्फ रिसॉर्ट में होगा। पहले अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में ट्रंप ने 2020 में जी7 शिखर सम्मेलन भी इसी स्थान पर करने का सुझाव दिया था।
ट्रंप ने पहले घोषणा की थी कि 2026 में मियामी के डोरल गोल्फ क्लब में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे। आलोचकों ने उन पर इसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, लेकिन ट्रंप ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उन्हें कोई आर्थिक फायदा नहीं होगा और उनका मकसद सम्मेलन को सफल और भव्य बनाना है।
रूस और चीन दोनों ही जी20 के सदस्य हैं, लेकिन 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद, राष्ट्रपति पुतिन 2023 में नई दिल्ली और 2024 में रियो डी जनेरियो में हुए जी20 सम्मेलनों में शामिल नहीं हुए थे। इसके बजाय, उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को वहां भेजा। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को पहले ही घोषणा कर दी थी कि 2026 में जी20 सम्मेलन की मेजबानी वे अपने मियामी स्थित डोलर गोल्फ क्लब में करेंगे।
पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्राजील में हुए सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस साल का जी20 शिखर सम्मेलन 22 और 23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि वे दक्षिण अफ्रीका में होने वाली इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस बैठक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह भी पढ़ें:- 117 साल बाद! कोहिनूर की बहन का बांग्लादेश में खुलेगा राज, गोलकुंडा के खदान से जुड़ा है नाता
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष वे दक्षिण अफ्रीका नहीं जाएंगे। उनके अनुसार, यह कार्यक्रम वहां हो रहा है और वाइस प्रेसिडेंट जेडी इसे संभालेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि जेडी बहुत सक्षम हैं और वहां जाने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन खुद वे इसमें शामिल नहीं होंगे।
इस साल की शुरुआत में, ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को मिलने वाली सहायता रोक दी थी। उनका आरोप था कि वहां श्वेत किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अफ्रीकी शरणार्थियों को पुनः बसाने में मदद करेगा। ये शरणार्थी वे लोग हैं, जो देश की नस्लीय नीतियों और उनकी संपत्ति पर कब्जे के कारण वहां से भाग रहे हैं।
उसी तरह, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग न लेने का निर्णय लिया और दक्षिण अफ्रीका की नीतियों की आलोचना की।
(एजेंसी इनपुट के साथ)