राष्ट्रपति पेजेशकियन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Middle East Tension News In Hindi: अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में एक बार फिर तीखापन देखने को मिला है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फ्लोरिडा में हुई मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुले तौर पर चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान के रवैये में बदलाव नहीं आया तो उसे ‘बहुत बुरे परिणाम’ भुगतने होंगे।
ट्रंप की इस चेतावनी के कुछ ही घंटों बाद ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए प्रतिक्रिया दी। बिना किसी देश या नेता का नाम लिए पेजेशकियन ने एक सख्त संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा कि किसी भी हमले पर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का जवाब कड़ा होगा और हमलावर को इसका पछतावा होगा। ईरान की यह प्रतिक्रिया सीधे तौर पर अमेरिकी चेतावनी के जवाब के रूप में देखी जा रही है।
दरअसल, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जब ट्रंप से ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी पूरी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अगर यह सही साबित होता है तो इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
ट्रंप ने संकेत दिया कि जरूरत पड़ने पर पिछली बार से भी ज्यादा तगड़ा हमला किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को पहले ही समझौता करने का मौका दिया गया था, लेकिन अब हर बार ऐसा मौका नहीं मिलेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु कार्यक्रम को दोबारा खड़ा करने की कोशिश करता है तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि वॉशिंगटन ईरान की हर गतिविधि पर करीबी नजर बनाए हुए है।
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाकर किए गए किसी संभावित इजरायली हमले का समर्थन करेगा, तो ट्रंप ने जवाब दिया कि अगर ईरान परमाणु क्षमताओं को फिर से बढ़ाने की कोशिश करता है तो अमेरिका ऐसे किसी भी कदम का पूरा समर्थन करेगा।
गौरतलब है कि ट्रंप और नेतन्याहू के बीच यह मुलाकात फ्लोरिडा के मार-ए-लागो अपार्टमेंट में हुई। इस साल दोनों नेताओं के बीच यह पांचवीं बैठक थी जो मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को देखते हुए बेहद अहम मानी जा रही है।
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पिछले साल 13 जून 2025 को इजरायल ने ईरान के कई परमाणु केंद्रों पर हमला किया था। करीब 12 दिनों तक चले इन हमलों में सैन्य, परमाणु और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया। इसके बाद 22 जून को अमेरिका ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान स्थित ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। लगभग 24 दिनों तक चले इस संघर्ष के बाद सीजफायर का ऐलान किया गया था।