डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
US Government Shutdown: अमेरिका में सरकारी शटडाउन की वजह से करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को बिना वेतन के घर बैठना पड़ रहा है। जो कर्मचारी जरूरी सेवाओं में हैं, जैसे कि सेना, पुलिस, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और बॉर्डर सिक्योरिटी, उन्हें बिना वेतन काम करना पड़ रहा है। इससे उनकी आर्थिक हालत बिगड़ गई है। 20 अक्टूबर को फंडिंग बिल पर 11वीं बार वोटिंग हुई, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया।
कई कर्मचारी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए फूड डिलीवरी, टैक्सी चलाना या अस्थायी नौकरियां करने को मजबूर हैं। वहीं, सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार 11वीं बार कांग्रेस में अपना प्रस्ताव पारित करवाने में नाकाम रहे। शटडाउन और सैलरी ना आने के चलते सरकारी कर्मचारियों में आसंतोष बढ़ता जा रहा है।
सरकारी शटडाउन 1 अक्टूबर से शुरू हुआ और अब 22वें दिन में पहुंच गया है। यह अमेरिका के इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है। 20 अक्टूबर को फंडिंग बिल पर 11वीं बार वोटिंग हुई, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। शटडाउन और सैलरी ना आने के चलते सरकारी कर्मचारियों के सब्र ने अब जबाव देने शुरू कर दिया है। वो सरकार से मांग कर रहें है कि वो इसका जल्द से जल्द कोई उपाय करें।
अमेरिका में वित्तीय साल 1 अक्टूबर से शुरू होता है। इस दिन तक सरकार को नया बजट पास करना होता है, जिससे सभी विभागों को फंड मिलता है। अगर बजट पास नहीं होता, तो सरकार के कई कामकाज बंद हो जाते हैं इसे शटडाउन कहते हैं। इस बार शटडाउन का कारण है हेल्थ केयर सब्सिडी पर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के बीच मतभेद। डेमोक्रेट चाहते हैं कि हेल्थ केयर पर सब्सिडी बढ़े, जबकि रिपब्लिकन को डर है कि इससे खर्च बढ़ेगा और बाकी कामों पर असर पड़ेगा।
शटडाउन का सबसे ज्यादा असर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स पर पड़ा है। उन्हें जरूरी कर्मचारी माना गया है, इसलिए वे लगातार काम कर रहे हैं लेकिन सैलरी नहीं मिल रही। नेशनल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन (NATCA) के अध्यक्ष ने बताया कि कर्मचारी बहुत परेशान हैं। कई कंट्रोलर अपनी ड्यूटी खत्म कर Uber चला रहे हैं, रेस्टोरेंट में काम कर रहे हैं या फूड डिलीवरी कर रहे हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि कर्मचारियों की थकान और तनाव से हवाई सेवाओं पर असर पड़ सकता है। हाल ही में एक दिन में 7,800 से ज्यादा उड़ानों में देरी और 117 उड़ानें रद्द हुईं। कर्मचारियों की कमी इसकी एक बड़ी वजह रही।