ट्रंप ने फिर लिया सीजफायर की क्रेडिट, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
वांशिगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में उनकी अहम भूमिका रही, जिससे संभावित परमाणु युद्ध टल सका। वहीं भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद संघर्षविराम पूरी तरह से सैन्य निर्णय था और इसमें किसी बाहरी दबाव की कोई भूमिका नहीं थी।
ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने में मदद की। यह टकराव अगर होता, तो परमाणु संकट में बदल सकता था। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं और अपनी टीम को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके कूटनीतिक प्रयासों के पीछे मुख्य वजह व्यापार थी। ट्रंप ने कहा, “हम ऐसे देशों के साथ व्यापार नहीं कर सकते, जो आपस में युद्ध कर रहे हों और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हों।”
“भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार के बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जब हम व्यापार की बात करते हैं, तो यह साफ है कि हम उन देशों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हैं या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहे हैं। दोनों देशों के नेता समझदार हैं, उन्होंने हमारी बात को समझा और इस तरह संघर्ष बंद हो गया। हम दुनिया को युद्ध से रोक रहे हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना और सबसे सक्षम नेता हैं।”
#WATCH | US President Donald Trump says, “We stopped India and Pakistan from fighting. I believe that could have turned out into a nuclear disaster, and I want to thank the leaders of India and Pakistan, and I want to thank my people. Also, we talk trade, and we say we can’t… pic.twitter.com/8xfvVXj7HU
— ANI (@ANI) May 30, 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 6 और 7 मई की रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमला किया था। इस एयरस्ट्राइक में भारत ने पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया था, जिनमें कई आतंकवादी मार गिराए गए। भारत ने इस कार्रवाई को पहलगाम हमले के जवाब में किया था। इस ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया था। सीमा के दोनों ओर चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहने के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी।