अमेरिका से वापस आ रहे अवैध प्रवासी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका में सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी अभियान के तहत अब अमेरिका में रह रहे भारतीय अवैध प्रवासियों को वापस भारत भेजने के लिए एक C-17 सैन्य विमान रवाना हो गया है। इसकी पुष्टि एक अमेरिकी अधिकारी ने की है।
ट्रंप प्रशासन अपने इमिग्रेशन एजेंडे को लागू करने के लिए सेना की ले रहे हैं। जिसके तहत सैन्य विमान का उपयोग कर अवैध प्रवासियों को देश से बाहर भेजने का काम शुरू हो गया है।
डोनाल्ड ट्रंप के वाइट हाउस में दोबारा आने के बाद भारत में यह पहला निर्वासन हुआ है। ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी। इससे पहले, भारत ने इन अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति जताई थी और लगभग 18,000 लोगों को लौटाने की बात कही गई थी।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद कहा था कि उन्होंने इमिग्रेशन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। ट्रंप ने यह भी कहा कि जब अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने की बात होगी, तो भारत सही कदम उठाएगा।
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अवैध रूप से किसी भी देश में रहने का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा कि यदि यह पुष्टि हो जाती है कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है और वह अवैध रूप से अमेरिका में रह रहा है, तो भारत उसकी कानूनी वापसी के लिए तैयार रहेगा।
आपको बता दें कि केवल भारतीय प्रवासियों को देश वापस नहीं भेज रहा है, बल्कि मेक्सिको से आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए भी अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि भारतीय प्रवासियों को लेकर एक सैन्य विमान C-17 डिपोर्टेशन के लिए रवाना हो चुका है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह विमान अगले 24 घंटे तक भारत पहुंचेगा।
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सेना की मदद ली है। इस अभियान के तहत अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है और सैन्य अड्डों को प्रवासियों को अस्थायी रूप से रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके अलावा, अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग किया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, कई प्रवासियों को ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों में निर्वासित किया गया है। एकमात्र भारत ही सबसे दूर का देश है जहां निर्वासन फ्लाइट भेजी जाएगी।