प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राजकीय दौरे पर
पोर्ट लुईस : जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी बीते मंगलवार को मॉरीशस पहुंचने पर औपचारिक स्वागत किया गया, वहीं वे आज यानी 12 मार्च को द्वीपीय देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे। बीते सोमवार को सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने माला पहनाकर PM मोदी का स्वागत किया था। रामगुलाम के साथ उप प्रधानमंत्री, मॉरीशस के प्रधान न्यायाधीश, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री, कैबिनेट सचिव, ग्रैंड पोर्ट जिला परिषद के अध्यक्ष और कई अन्य लोग मौजूद थे। PM मोदी का स्वागत करने के लिए कुल 200 गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
जानकारी दें कि, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के निमंत्रण पर हो रही है। यात्रा के दौरान दोनों देश दक्षता विकास, व्यापार और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने के क्षेत्रों में सहयोग के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। मॉरीशस रवाना होने से पहले मोदी ने सोमवार को कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक “नया और उज्ज्वल” अध्याय जोड़ेगी।
वहीं मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बीते मंगलवार को घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रांड कमांडर ऑफ ऑर्डर ऑफ स्टार एंड की ऑफ इंडियन ओशन’ प्रदान किया जायेगा। PM मोदी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय हैं। यह पुरस्कार भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को मान्यता देता है। रामगुलाम ने कहा कि मोदी यह विशिष्ट सम्मान पाने वाले पांचवें विदेशी नागरिक हैं। यह किसी अन्य राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया गया 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।
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यह भी बता दें कि, भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा ‘स्काईडाइविंग टीम’ आज मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगी।
बताते चलें कि, PM मोदी ने आखिरी बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था। भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। मॉरीशस पूर्व में ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेश था और इसे 1968 में स्वतंत्रता मिली थी। विशेष संबंधों का एक प्रमुख कारण यह तथ्य है कि इस द्वीपीय देश की 12 लाख की जनसंख्या में लगभग 70 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले भारत ने बीते शनिवार को कहा था कि वह हिंद महासागर में चागोस द्वीप समूह को लेकर ब्रिटेन के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते पर पहुंचने के मॉरीशस के प्रयासों का समर्थन करता है।उम्मीद है कि यह मुद्दा PM मोदी की मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के साथ बातचीत में उठेगा। पिछले साल अक्टूबर में ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत आधी सदी से भी अधिक समय के बाद चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के अपने फैसले की घोषणा की थी।