थाईलैंड-कंबोडिया के बीच युद्धविराम समझौते पर लगी मुहर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Thailand Cambodia News In Hindi: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी सीमा तनाव पर विराम लगाते हुए शनिवार को दोनों देशों ने औपचारिक रूप से सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। यह समझौता थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में स्थित एक बॉर्डर चेकपॉइंट पर हुआ जहां थाई रक्षा मंत्री नत्थापोन नाकपानिच और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री टी सिया मौजूद रहे।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि शुक्रवार रात को थाईलैंड के साथ तीसरी स्पेशल कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमेटी बैठक के संयुक्त बयान के ड्राफ्ट पर सहमति बन गई थी। इस बैठक में आसियान के ऑब्जर्वर भी शामिल थे, जो इस पूरे घटनाक्रम को क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से महत्वपूर्ण मानते हैं।
सीजफायर वार्ता शनिवार सुबह स्थानीय समय के अनुसार करीब 9.40 बजे शुरू हुई थी। यह बातचीत ऐसे समय पर हुई जब जुलाई में पहले सीजफायर के टूटने के बाद दिसंबर की शुरुआत में हालात तेजी से बिगड़ गए थे। 8 और 9 दिसंबर को सीमा क्षेत्रों में हिंसा बढ़ गई थी जिसमें थाईलैंड ने फाइटर जेट और तोपखाने का इस्तेमाल किया जबकि कंबोडिया ने रॉकेट हमलों से जवाब दिया।
दोनों देशों के बीच झड़पें मुख्य रूप से विवादित सीमा क्षेत्रों में देखी गईं खासकर डांगरेक पर्वत श्रृंखला के आसपास। यह इलाका उत्तर-पूर्वी थाईलैंड और उत्तरी कंबोडिया तक फैला हुआ है और रणनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। यहां सैनिकों की आवाजाही, गोलाबारी और हवाई मिशनों की गतिविधियां लगातार रिपोर्ट की गईं।
यह सीमा क्षेत्र कई प्राचीन खमेर मंदिरों के लिए भी जाना जाता है जिनमें से कई मंदिर सीमा के बेहद करीब स्थित हैं। ऊंचे इलाकों पर नियंत्रण को लेकर दशकों से विवाद चला आ रहा है। इन इलाकों में सैन्य टकराव ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया बल्कि क्षेत्रीय शांति को लेकर भी चिंता बढ़ा दी थी।
इस विवाद की ऐतिहासिक जड़ें 20वीं सदी की शुरुआत में जाती हैं, जब कंबोडिया में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के दौरान सीमा रेखाएं तय की गई थीं। थाईलैंड का दावा है कि उस दौर में बनाए गए नक्शों में सीमा को गलत तरीके से दर्शाया गया और प्राकृतिक जल-विभाजक सीमाओं का पालन नहीं किया गया।
विवाद का सबसे संवेदनशील मुद्दा प्रेह विहार मंदिर रहा है। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मंदिर पर संप्रभुता कंबोडिया को दी थी, लेकिन आसपास की भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी जिससे दोनों देशों के बीच अलग-अलग व्याख्याएं सामने आती रहीं।
दिसंबर में तनाव चरम पर पहुंचने के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की है और लड़ाई रोकने पर सहमति बनी है। हालांकि, इसके बावजूद सीमा पर झड़पों की खबरें सामने आती रहीं, जिसने जमीनी हालात और कूटनीतिक बयानों के बीच अंतर को उजागर किया।
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अब सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सैन्य तनाव में कमी आएगी और सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ेंगे।