
हादी की मौत से बांग्लादेश में सियासी तूफान, डिजाइन फोटो
Bangladesh News In Hindi: बांग्लादेश की सियासत में उथल-पुथल मचाने वाले इंकलाब मंच के प्रवक्ता और चर्चित छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई। राजधानी ढाका स्थित ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। जनाजे के दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे वहीं हादी की हत्या को लेकर अंतरिम सरकार पर दबाव भी और तेज हो गया।
शरीफ उस्मान हादी की नमाज़-ए-जनाजा नेशनल पार्लियामेंट बिल्डिंग के साउथ प्लाजा में अदा की गई। इस मौके पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, सलाहकार परिषद के सदस्य, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, छात्र संगठन और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए।
जनाज़े के बाद हादी का पार्थिव शरीर फ्रीजिंग वैन के जरिए ढाका यूनिवर्सिटी लाया गया जहां सेंट्रल मस्जिद के पास उन्हें दफनाया गया। जनाज़े के दौरान अपने संबोधन में प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि शरीफ उस्मान हादी हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। इस बीच, इंकलाब मंच ने हादी की हत्या को लेकर खुलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने जनाज़े के बाद समर्थकों से शाहबाग पहुंचकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शोक का मौका नहीं है, बल्कि न्याय की लड़ाई है। जाबेर ने आरोप लगाया कि हत्या के एक हफ्ते बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उन्होंने अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए मांग की कि सरकार सार्वजनिक करे कि हत्यारे कौन हैं, अब तक जांच में क्या प्रगति हुई है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।
जनाज़े से पहले हादी के भाई अबू बकर सिद्दीक ने भी मंच से सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनके भाई की दिनदहाड़े राजधानी में गोली मारकर हत्या कर दी गई लेकिन सात-आठ दिन बीत जाने के बावजूद आरोपी अब तक फरार हैं। उन्होंने मांग की कि हादी के हत्यारों के खिलाफ तत्काल मुकदमा चलाया जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
गौरतलब है कि 32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी शेख हसीना विरोधी प्लेटफॉर्म इंकलाब मंच के प्रमुख चेहरों में से एक थे। जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान यह मंच सुर्खियों में आया था जिसके बाद शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। हादी अगले साल होने वाले आम चुनाव में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रचार कर रहे थे।
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हालांकि, इंकलाब मंच को बांग्लादेश में एक कट्टरपंथी संगठन के तौर पर भी देखा जाता है। शरीफ उस्मान हादी अपनी भारत-विरोधी बयानबाज़ी और विवादित गतिविधियों के लिए चर्चा में रहे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने तथाकथित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का नक्शा भी जारी किया था, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश का हिस्सा बताया गया था। उनकी हत्या के बाद यह मामला सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि बांग्लादेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है।






