नवभारत साइंस डेस्क: सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका में हुआ था, लेकिन उनका गहरा संबंध भारत से है। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के थे और गुजराती परिवार से आते थे। उनकी मां बोननी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की थीं। भारतीय संस्कृति और मूल्यों ने उनके जीवन और करियर पर गहरा प्रभाव डाला।
सुनीता विलियम्स ने कई बार इस बात को स्वीकार किया है कि भारतीय परंपराओं, मूल्यों और अनुशासन ने उनके व्यक्तित्व को आकार देने में मदद की। उन्होंने भारतीय संस्कृति से सीखा:
गुजरात यात्रा: सुनीता विलियम्स ने 2007 में भारत के गुजरात राज्य का दौरा किया था। वहाँ उन्होंने अपने पूर्वजों के गांव Jalalpur (जलगाँव) में जाकर अपनी जड़ों से जुड़ने का अनुभव किया।
गंगा में तैराकी: अपनी भारत यात्रा के दौरान, उन्होंने गंगा नदी में डुबकी भी लगाई थी, जो भारतीय आध्यात्मिकता से उनके गहरे संबंध को दर्शाता है।
ISRO से प्रेरणा: नासा में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की प्रशंसा की और भारत के अंतरिक्ष मिशनों की सराहना की।
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सुनीता विलियम्स सिर्फ एक नासा अंतरिक्ष यात्री ही नहीं, बल्कि भारतीय युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं। उन्होंने कई बार भारतीय छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और एयरोस्पेस में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। उनकी कहानी बताती है कि अगर मेहनत और जुनून हो, तो कोई भी सितारों तक पहुंच सकता है!