प्रतिकात्मक तस्वीर (सौजन्य सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार, 26 अक्टूबर को एक आत्मघाती हमले ने सुरक्षा बलों के बीच हड़कंप मचा दिया। इस हमले में छह कानून प्रवर्तन कर्मियों सहित कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। यह विस्फोट उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले के मीर अली तहसील में असलम चेक पोस्ट पर हुआ, जो अफगानिस्तान की सीमा के निकट स्थित है।
सूत्रों के अनुसार हमलावर तीन पहिया वाहनों में सवार होकर आए थे। उन्होंने चेक पोस्ट और सुरक्षा बलों के वाहनों को टक्कर मारने के बाद विस्फोट किया, जिससे चार पुलिसकर्मियों, दो सैनिकों और दो नागरिकों की मौत हुई। घायलों को मीरान शाह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारों का कहना है कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है।
तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। 2021 से आतंकवादी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती प्रांतों में। इस महीने उत्तरी वजीरिस्तान जिले में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान लगभग एक दर्जन आतंकवादियों को मार गिराया था।
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एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में आतंकवादी हिंसा में 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की तीन तिमाहियों में कुल मौतें 2023 में दर्ज की गईं कुल मौतों से अधिक हो गई हैं, जिसमें नागरिकों, सुरक्षा कर्मियों और अपराधियों की मिलाकर 722 मौतें शामिल हैं।
इनमें से लगभग 97 प्रतिशत मौतें खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुई हैं, जो पिछले एक दशक में सबसे अधिक है। पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में इस नए हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
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