प्रतीकात्मक तस्वीर
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में पोलियो के दो नए मामले सामने आए हैं, जिससे इस साल इस घातक संक्रमण के शिकार रोगियों की संख्या 41 हो गई है। यह स्थिति पोलियो वायरस को समाप्त करने के प्रयासों के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स डॉन अखबार के अनुसार ये मामले बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों से हैं और हाल के दिनों में रिपोर्ट किए गए हैं।
हाल ही में बलूचिस्तान के लोरलाई जिले में एक तीन साल की बच्ची संक्रमित पाई गई, जो 8 अक्टूबर को पक्षाघात का शिकार हुई। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने इस संक्रमण की पुष्टि की है। यह जिले में इस साल का पहला पोलियो मामला है, और रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची को पोलियो निरोधक खुराक नहीं दी गई थी।
दूसरा मामला खैबर पख्तूनख्वा के कोहाट जिले से आया है, जहां एक ढाई साल का लड़का संक्रमित पाया गया। देश में अब तक बलूचिस्तान से 21, सिंध से 12, खैबर पख्तूनख्वा से 6 और पंजाब तथा इस्लामाबाद से एक-एक मामला रिपोर्ट किया गया है। इन मामलों के मद्देनजर, ‘पाकिस्तान पोलियो कार्यक्रम’ के तहत अगले सप्ताह देशभर में पोलियो खुराक देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें 4.5 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका दिया जाएगा।
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प्रधानमंत्री के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की एक अधिकारी, आयशा रजा फारूक, ने स्वीकार किया कि पोलियो वायरस का प्रसार जारी है, लेकिन उन्होंने जून 2025 तक इस गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए एक ठोस रणनीति विकसित करने का आश्वासन दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान वे दो देश हैं जहां पोलियो अब भी महामारी के रूप में मौजूद है। पोलियो के मामलों में वृद्धि और इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जिससे देश के बच्चों को इस घातक बीमारी से सुरक्षित रखा जा सके। पोलियो दिवस (24 अक्टूबर) से पहले यह स्थिति और भी चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि यह दिवस पोलियो उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
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