कुवैत पुलिस, फोटो (सो, सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: कुवैत में नागरिकता से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला घोटाला सामने आया है, जिसने न सिर्फ प्रशासन को हिला कर रख दिया है, बल्कि आम जनता को भी चौंका दिया है। इस मामले में एक व्यक्ति शामिल है, जो लंबे समय से खुद को कुवैती नागरिक बताता आ रहा था। लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि वह असल में सीरियाई मूल का है। सबसे हैरतअंगेज बात यह है कि उसके दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि उसकी मां से तीन महीने पहले की दर्ज है। यह मामला अब तक के सबसे अजीब और बड़े फर्जीवाड़ों में से एक माना जा रहा है।
2017 में यह मामला सामने आया, जब कुवैत की नेशनलिटी इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट को सूचना मिली कि एक व्यक्ति जो खुद को कुवैती नागरिक बता रहा है, असल में सीरिया का निवासी है। जब जांच उस व्यक्ति तक पहुंचने लगी, तो वह उसी वर्ष कुवैत छोड़कर चला गया। हालांकि, कुछ प्रभावशाली लोगों और राजनीतिक समर्थन की वजह से उसके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट हटा लिया गया और वह दोबारा कुवैत लौट आया, मानो मामला वहीं समाप्त हो गया हो।
लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। पूर्व सांसद अहमद अल-फादेल ने एक सार्वजनिक सेमिनार के दौरान इस केस के नए पहलुओं को उजागर किया, जिसके बाद आरोपी एक बार फिर देश से फरार हो गया। इसके बाद जांच एजेंसियों ने उसके बेटों को बुलाया और उनका डीएनए परीक्षण कराया, जिसे उनके दस्तावेजों में दर्ज कथित चाचाओं के साथ मिलाया गया। जांच के नतीजों से स्पष्ट हो गया कि उनके बीच कोई जैविक संबंध नहीं था।
मामले से बच निकलने की कोशिश में आरोपी के बेटों ने सीरिया से एक नकली मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया, जिसमें यह दावा किया गया था कि उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि, फॉरेंसिक जांच के दौरान किए गए डीएनए परीक्षण ने इस दावे को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया। साथ ही, प्रमाण पत्र की वैधता पर भी गंभीर संदेह उत्पन्न हो गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पूरा मामला एक संगठित और सोची-समझी धोखाधड़ी का परिणाम था।
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जांच पूरी होने के बाद कुवैत प्रशासन ने आरोपी की नागरिकता रद्द कर दी और उससे जुड़े 86 अन्य लोगों की नागरिकता भी वापस ले ली गई। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि आरोपी के जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि उसकी मां के जन्म से तीन महीने और दो हफ्ते पहले की थी।