सोमालिया पर सूखे का कहर, एआई फोटो
Somalia Drought UN Report: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की राहत एजेंसी ने चेतावनी दी है कि सोमालिया का बड़ा हिस्सा गंभीर सूखे की चपेट में है, जिसका असर करीब 46 लाख लोगों पर पड़ चुका है। संयुक्त राष्ट्र ऑफिस फॉर द कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (ओसीएचए) के अनुसार, देश में लगातार बारिश नहीं हुई है और बारिश के दो प्रमुख मौसम बिना बरसात के ही गुजर गए हैं। इससे हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं, खासकर तब जब मानवीय सहायता के लिए उपलब्ध फंडिंग पहले से ही सीमित है।
ओसीएचए ने सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि देश के मध्य, दक्षिणी और उत्तरी इलाकों में सूखे की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर बनी हुई है। धीरे-धीरे ये हालात अन्य क्षेत्रों में भी फैलते जा रहे हैं। पहले से संघर्ष, गरीबी और अस्थिरता झेल रहे समुदायों के लिए यह संकट बेहद भयावह साबित हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोमाली अधिकारियों ने खेती के बड़े पैमाने पर बर्बाद होने की आशंका जताई है। फसलें सूखने की कगार पर हैं और पशुपालन पर निर्भर परिवारों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि यदि समय रहते सहायता पहुंचाई जाए तो हालात को कुछ हद तक संभाला जा सकता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से बताया गया कि अधिकारियों का कहना है कि आने वाले चार महीने बेहद निर्णायक होंगे। अनुमान है कि अप्रैल 2026 से पहले बारिश होने की संभावना बेहद कम है। ओसीएचए के अनुसार, जनवरी से मार्च 2026 तक का मौसम भी शुष्क बना रहेगा। इस दौरान पानी की भारी कमी, पशुओं का असामान्य पलायन और मवेशियों की मौतें बढ़ सकती हैं। इसका सीधा असर खाद्य सुरक्षा पर पड़ेगा और देश के कई हिस्सों में गंभीर भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी बताया कि फंडिंग की भारी कमी के बावजूद मानवीय सहायता कर्मी लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। इनमें राहत सामग्री के स्टॉक की मैपिंग, फील्ड इलाकों का दौरा कर हालात का आकलन करना और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा करना शामिल है, ताकि शुरुआती स्तर पर कार्रवाई की जा सके।
यह भी पढ़ें:- बिना मोबाइल जी रहे राष्ट्रपति मादुरो, हर पल पहरे में क्यूबा एजेंट्स; आखिर इतना डर क्यों?
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन राहत समन्वयक ने सूखे की शुरुआती प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपात राहत कोष से 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं। यह सहायता 6,03,000 से अधिक प्रभावित लोगों को ध्यान में रखकर दी गई है। हालांकि, यूएन ने साफ किया है कि अगर अतिरिक्त फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग नहीं मिला तो आने वाले महीनों में संकट और गहरा सकता है।