सऊदी अरब ने की ईरान की आलोचना (फोटो- सोशल मीडिया )
रियाद: इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के लिए युद्धविराम की घोषणा कर दी। इसी बीच सऊदी अरब के दो बयानों की काफी चर्चा हो रही है। इसमें सऊदी ने ईरान की ओर से कतर में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले को लेकर उसकी आलोचना की है। वहीं अमेरिका के प्रति उसका रुख नरम बना हुआ है।
अमेरिका ने 22 जून को ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला करके उन्हें बर्बाद कर दिया। इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने सोमवार को कतर में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर एक साथ कई मिसाइलें दागीं। सऊदी ने ईरान के इस कदम को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने ईरान के हमले के बाद बयान जारी करते हुए हमले की कड़ी निंदा की। मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का उल्लंघन करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि यह एक गैर-जिम्मेदाराना कदम है, जिसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
#Statement | The Kingdom of Saudi Arabia expresses its condemnation and denunciation, in the strongest terms possible, the aggression launched by Iran against the brotherly State of Qatar, which constitutes a flagrant violation of international law and the principles of good… pic.twitter.com/XHueCFXRcc
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) June 23, 2025
सऊदी ने जहां ईरानी हमले को गैर-जिम्मेदाराना बताया, वहीं अमेरिका को लेकर उसका रुख हमेशा की तरह नरम रहा। 22 जून को जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था तब सऊदी ने इसे लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं पर भी अमेरिका या ट्रंप की कोई आलोचना नहीं की थी।
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ईरान ने कतर पर हमले के बाद एक बयान जारी करते हुए सफाई दी थी। ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा कि अल-उदीद एयरपोर्ट पर किया गया मिसाइल हमला कतर के आवासीय इलाकों से काफी दूर था। यह कार्रवाई हमारे मित्रवत और भाईचारे से जुड़े देश कतर तथा वहां की जनता के लिए किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। ईरान कतर के साथ अपने ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।