
श्रीलंका में एस. जयशंकर ने 120 फुट के ब्रिज का किया उद्घाटन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
India Sri Lanka Relations: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में श्रीलंका के प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की। यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब श्रीलंका हाल ही में चक्रवात ‘दित्वाह’ से हुए भारी नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहा है।
जयशंकर और हेराथ ने संयुक्त रूप से उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट लंबे डुअल कैरिजवे बेली ब्रिज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भी मौजूद रहे।
यह पुल भारत द्वारा ऑपरेशन सागर बंधु के तहत सहायता के रूप में उपलब्ध कराया गया है जिसे भारत से एयरलिफ्ट कर श्रीलंका लाया गया। इस पुल की भार क्षमता 110 टन है जो आपदा के बाद कनेक्टिविटी बहाल करने में अहम भूमिका निभाएगा।
उद्घाटन समारोह की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह परियोजना भारत-श्रीलंका सहयोग और आपदा के समय भारत की त्वरित मदद का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दित्वाह से हुई तबाही के बाद कनेक्टिविटी बहाल करना प्राथमिकता थी जिस पर राष्ट्रपति दिसानायके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हालिया बातचीत में भी चर्चा हुई थी।
Jointly inaugurated with FM @HMVijithaHerath in the presence of President @anuradisanayake, a 120-foot dual carriageway Bailey Bridge in the Kilinochchi District of Northern Province, one of the areas severely affected by Cyclone Ditwah. The 110 tonnes bridge was airlifted from… pic.twitter.com/3sNkJX8oRN — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 23, 2025
कोलंबो में संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के दौरान श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ ने जयशंकर के दौरे की सराहना की और इसे दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और मजबूत साझेदारी का प्रमाण बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार और विदेश मंत्री जयशंकर का श्रीलंका को आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदा से उबरने में मदद करने के लिए आभार व्यक्त किया।
हेराथ ने कहा कि खराब मौसम और चक्रवात दित्वाह के बाद भारत की त्वरित सहायता ने श्रीलंका के लोगों को बड़ा सहारा दिया। उन्होंने इसे भारत-श्रीलंका एकता की ठोस मिसाल बताया।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया। भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और युद्धपोत आईएनएस उदयगिरी कोलंबो में तैनात किए गए। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर दो सप्ताह से अधिक समय तक राहत कार्यों में लगे रहे।
इसके अलावा, 80 सदस्यीय नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीम ने खोज और बचाव अभियान चलाया। भारतीय सेना ने कैंडी के पास 85 मेडिकल स्टाफ के साथ एक फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किया जहां 8,000 से अधिक लोगों को आपात चिकित्सा सहायता दी गई। भारत ने दो मॉड्यूलर बीएचआईएसएचएम इमरजेंसी केयर यूनिट भी श्रीलंका भेजीं।
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जयशंकर के अनुसार, पूरे ऑपरेशन के दौरान भारत ने 1,100 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी, जिसमें सूखा राशन, टेंट, तिरपाल, हाइजीन किट, आवश्यक कपड़े और जल शुद्धिकरण किट शामिल थे। इसके साथ ही करीब 14.5 टन दवाइयां और मेडिकल सप्लाई तथा अतिरिक्त 60 टन राहत सामग्री भी श्रीलंका को उपलब्ध कराई गई।






