
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से की मुलाकात (सोर्स-सोशल मीडिया)
Operation Sagar Bandhu Package: भारत ने अपनी ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) नीति के तहत एक बार फिर श्रीलंका के लिए बड़े मददगार की भूमिका निभाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 23 दिसंबर 2025 को कोलंबो में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात कर प्रधानमंत्री मोदी का एकजुटता संदेश साझा किया। चक्रवात ‘दित्वा’ से आई भीषण तबाही के बाद भारत ने 450 मिलियन डॉलर के विशाल पुनर्निर्माण पैकेज का प्रस्ताव दिया है। यह सहायता ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ का अगला चरण है, जो आपातकालीन राहत से अब स्थायी पुनर्निर्माण की ओर बढ़ रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि इस पैकेज में 350 मिलियन डॉलर का रियायती ऋण (Line of Credit) और 100 मिलियन डॉलर का अनुदान (Grant) शामिल है। इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाएगा जो चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। भारत का लक्ष्य श्रीलंका की बुनियादी सुविधाओं को फिर से पटरी पर लाना है, ताकि आम जनजीवन सामान्य हो सके।
इस सहायता पैकेज के तहत भारत श्रीलंका सरकार के साथ मिलकर निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा-
मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने उत्तरी श्रीलंका के किलिनोच्ची जिले में एक 120 फुट लंबे ड्यूल कैरिजवे ‘बेली ब्रिज’ का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह 110 टन वजनी पुल भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा भारत से लाया गया था। यह पुल न केवल यातायात बहाल करेगा, बल्कि भारत-श्रीलंका की सभ्यतागत दोस्ती का प्रतीक भी बनेगा।
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जयशंकर ने जोर दिया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु‘ उस दिन शुरू किया था जिस दिन चक्रवात आया था। भारतीय नौसेना के जहाज INS विक्रांत और INS उदयगिरि ने राहत सामग्री पहुंचाई, जबकि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने दो सप्ताह तक बचाव कार्य किया। 1100 टन से अधिक राहत सामग्री और 14.5 टन दवाइयां भेजकर भारत ने अपनी ‘विजन महासागर’ (MAHASAGAR) प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है।






