रूस का यू-टर्न: तालिबान अब 'दुश्मन' नहीं, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
मास्को: रूस की शीर्ष अदालत ने अफगानिस्तान के तालिबान संगठन को लेकर चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। करीब 20 साल बाद तालिबान पर लगे आतंकवादी संगठन के टैग को हटा दिया गया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इज़रायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के लिए जिम्मेदार हमास संगठन का शुक्रिया अदा कर एक और हैरानी भरा कदम उठाया है। पुतिन के इस बयान ने कूटनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पुतिन ने हमास को धन्यवाद क्यों कहा?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अक्टूबर 2023 में इजरायल पर हुए हमले के दौरान अगवा किए गए तीन रूसी नागरिकों की रिहाई को लेकर फलस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास का आभार जताया है। समाचार एजेंसी ‘इंटरफैक्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने उन तीन रूसी नागरिकों एलेक्जेंडर ट्रूफानोव और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों का क्रेमलिन में स्वागत किया, जिन्हें फरवरी में गाजा पट्टी से रिहा किया गया था।
इस मौके पर पुतिन ने कहा कि इन नागरिकों की रिहाई, रूस और फलस्तीनी संगठनों के बीच लंबे समय से चले आ रहे स्थिर संबंधों का परिणाम है। उन्होंने प्रमुख यहूदी धर्मगुरु बर्ल लेजर और अन्य शीर्ष यहूदी नेताओं की मौजूदगी में बंधकों से मुलाकात की और इस मानवीय पहल में सहयोग देने के लिए हमास के नेतृत्व और उसकी राजनीतिक शाखा का विशेष रूप से धन्यवाद किया।
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इसी के साथ, यह भी देखा गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से रूस का रुख उनके प्रति नरम रहा है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा था कि रूस तालिबान को प्राथमिकता के आधार पर कुछ सुविधाएं देना शुरू कर सकता है।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर अचानक हमला किया था, जिसमें कम से कम 1,200 लोगों की जान गई और 251 लोगों को अगवा कर लिया गया। इस हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिससे दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया। अब तक इस युद्ध में 50,000 से ज़्यादा फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के दौरान हमास के लड़ाके अलेक्जेंडर ट्रूफानोव, उनकी मां एलेना ट्रूफानोवा, दादी इरीना टाटी और मंगेतर सापिर कोहेन को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। परिवार के मुखिया विटाली ट्रूफानोव की इस हमले में मौत हो गई थी। बाद में, एलेना, इरीना और सापिर को 53 दिन बाद रिहा कर दिया गया, जबकि अलेक्जेंडर लगभग 500 दिन तक हमास की कैद में रहा। उसे 15 फरवरी 2025 को इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के तहत रिहा किया गया। खबर के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बाकी बंधकों को भी छुड़वाने में मदद का भरोसा दिया है।