काला सागर में रूस का तुर्की के जहाज पर बड़ा हमला, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Turkey Ship Attack Black Sea: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शांति एवं विश्वास मंच में हिस्सा ले रहे थे। इस मंच के इतर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी चल रही थी। इसी दौरान काला सागर क्षेत्र से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई जिसने रूस-तुर्की संबंधों में तनाव को और गहरा कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन और एर्दोगन की बैठक के समय ही रूसी सेना ने काला सागर में तुर्की के एक मालवाहक जहाज पर मिसाइल हमला किया। हमले के बाद सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि जहाज आग की भीषण लपटों में घिरा हुआ है और तेजी से जल रहा है। इस घटना को यूक्रेन युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों के संदर्भ में रूस की कड़ी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
🚨⚡️BREAKING AND UNUSUAL The first strict Russian response to Turkey after allowing Ukrainians to target Russian ships in the Black Sea: The Turkish cargo ship Cenk RoRo, which was carrying electric generators (AKSA), was subjected to ballistic missile strikes in the Ukrainian… pic.twitter.com/Bd66GizrWK — RussiaNews 🇷🇺 (@mog_russEN) December 12, 2025
बताया गया है कि तुर्की का यह जहाज यूक्रेन के लिए बिजली जनरेटर लेकर जा रहा था। यूक्रेन में रूस के लगातार हमलों के कारण ऊर्जा ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे वहां गंभीर बिजली संकट पैदा हो गया है। इसी संकट को कम करने के लिए तुर्की यूक्रेन को बिजली जनरेटर और अन्य जरूरी उपकरणों की आपूर्ति कर रहा था।
जानकारी के अनुसार, तुर्की का मालवाहक जहाज ‘Cenk RoRo’ यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए AKSA कंपनी के बिजली जनरेटर ले जा रहा था। जैसे ही रूसी सेना को इस शिपमेंट की सूचना मिली, उसने कार्रवाई करते हुए जहाज पर मिसाइल हमला कर दिया। यह हमला यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह क्षेत्र में किया गया, जहां जहाज मौजूद था।
रूसी सेना ने इस हमले के बाद कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो भी रूस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। माना जा रहा है कि काला सागर में रूसी जहाजों को निशाना बनाने की यूक्रेन को अनुमति देने के फैसले के बाद तुर्की के खिलाफ यह रूस की पहली बड़ी और सीधी प्रतिक्रिया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना ने ओडेसा क्षेत्र पर मिसाइल हमला किया और इससे पहले भी वहां की ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाया गया था। जेलेंस्की के मुताबिक, इन हमलों का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है और यह नागरिक जीवन को पूरी तरह तबाह करने की कोशिश है।
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ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि चेर्नोमोर्स्क बंदरगाह में एक नागरिक जहाज को नुकसान पहुंचा है, जो यह साबित करता है कि रूस कूटनीतिक अवसरों को गंभीरता से लेने के बजाय युद्ध को और तेज़ कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सही नैतिक रुख अपनाने और यूक्रेन के समर्थन में खड़े रहने की अपील की।