
भारत दौरे पर आएंगे वोलोडिमिर जेलेंस्की (सोर्स- सोशल मीडिया)
Volodymyr Zelensky India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया भारत दौरे के बाद अब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की भारत यात्रा की तैयारियां चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा तो जेलेंस्की अगले साल की शुरुआत में भारत आ सकते हैं। हालांकि इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन यह पुतिन के भारत दौरे के लगभग एक महीने बाद होने की संभावना है।
जेलेंस्की की यह यात्रा भारत की रूस-यूक्रेन युद्ध में संतुलित कूटनीतिक नीति को और मजबूत करने का एक अवसर होगी। साथ ही, यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी एक संदेश होगा, जो युद्ध समाप्ति के प्रयासों में यूक्रेन पर दबाव डाल रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच कई हफ्तों से बातचीत चल रही है। यहां तक कि पुतिन के भारत दौरे से पहले ही नई दिल्ली ने जेलेंस्की के कार्यालय से संपर्क साध लिया था। भारत का लक्ष्य दोनों देशों के साथ संवाद बनाए रखना है ताकि शांति स्थापना में उसकी भूमिका प्रभावी बनी रहे।
भारत-यूक्रेन संबंधों की पृष्ठभूमि भी महत्वपूर्ण है। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस गए और पुतिन से मुलाकात की। इसके ठीक एक महीने बाद अगस्त 2024 में पीएम मोदी पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में यूक्रेन गए और जेलेंस्की से मिले। उस दौरान जारी संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाने की इच्छा जताई थी।
यूक्रेन में भारत के राजदूत ओलेकसांडर पोलिशचुक ने अगस्त 2025 में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है और दोनों पक्ष दौरे की उपयुक्त तारीख तय करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि दौरे का समय अमेरिकी शांति योजना, युद्ध की स्थिति और यूक्रेन की आंतरिक राजनीति पर निर्भर करेगा। हाल ही में जेलेंस्की के करीबी और चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमाक का इस्तीफा भी इसी संदर्भ में आया है।
यह भी पढ़ें: नहीं मान रहे जेलेंस्की..रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर ट्रंप ने दिया बड़ा बयान, बोले- आसान नहीं
यदि जेलेंस्की जनवरी 2026 में भारत आते हैं, तो यह भारत की कूटनीतिक रणनीति को और मजबूत करेगा और उसे रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संवाद बनाए रखने वाले शांति-प्रवर्तक के रूप में स्थापित करेगा। साथ ही यह दौरा भारत-यूक्रेन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद करेगा।






