रूस का महायुद्ध प्लान, (डिजाइन फोटो)
America Report on Russia: रूस के आक्रामक रुख ने हालात को खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया है, जिससे विश्वयुद्ध की आशंका और गहरी होती जा रही है। यही वजह है कि अमेरिका और यूरोप में चिंता का माहौल है और दोनों ने रक्षा से लेकर आक्रामक रणनीतियों तक की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में रूस की परमाणु क्षमता का आकलन करने के लिए रिसर्च टीमें और इंटेलिजेंस एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रूस की एटमी ताकत पर एक रिपोर्ट जारी की है। FAS की “न्यूक्लियर नोटबुक” में पेश किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं, जिनसे साफ होता है कि रूस ने जमीन, समुद्र और आसमान से हमला करने वाले परमाणु हथियार बड़े पैमाने पर तैनात कर रखे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि रूस ने बड़े युद्ध की पूरी तैयारी कर ली है। गहरे समुद्र से लेकर आसमान की ऊंचाइयों तक और जमीन के सामरिक ठिकानों से भी अब परमाणु हथियार दागने की स्थिति में है। बताया जा रहा है कि यह खुलासा अमेरिका की तैयार की गई खुफिया रिपोर्ट में किया गया है।
रूस ने अपने परमाणु हथियारों को हर मोर्चे पर सजाकर रखा है। 2025 तक रूस के पास करीब 5,459 न्यूक्लियर वॉरहेड्स होने का अनुमान है। इनमें से 1,718 सक्रिय तैनाती पर, 2,591 रिज़र्व में, और करीब 1,150 रिटायर्ड हथियार बताए जा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि गुप्त स्टॉकपाइल इससे कहीं ज़्यादा भी हो सकता है।
समंदर में रूस ने अपनी ताकत का बड़ा हिस्सा झोंक रखा है। यहां SLBM (सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल) तैनात हैं, जिनमें बुलावा और सिनेवा प्रमुख हैं। दोनों में MIRV तकनीक लगी है, जिससे एक मिसाइल से कई वॉरहेड अलग-अलग टारगेट पर गिराए जा सकते हैं। इन मिसाइलों में 400 से 600 किलोटन क्षमता के वॉरहेड लगे हैं। केवल नेवी के पास ही रूस ने 992 न्यूक्लियर वॉरहेड्स तैयार रखे हैं।
जमीन पर भी रूस ने अपनी सबसे खतरनाक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात की हैं। इनमें शामिल हैं – RS-20V (34 लॉन्चर), अवानगार्ड (12), RS-12M (18), RS-12M2 (60), RS-24 यार्स (180) और RS-28 सरमत (3 लॉन्चर)। इन सभी पर मिलाकर 1,254 वॉरहेड्स लगाए गए हैं। हवा से हमला करने के लिए रूस ने 52 Tu-95MS और 15 Tu-160 बॉम्बर्स पर एयर लॉन्च्ड क्रूज़ मिसाइलें फिट की हैं। इनके ज़रिए रूस के पास 586 वॉरहेड्स तुरंत लॉन्च करने की क्षमता है। यानी जमीन, समंदर और आसमान तीनों जगह से रूस ने एक साथ परमाणु हमला करने का सिस्टम तैयार कर रखा है।
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NATO खुद मानता है कि रूस की इस विशाल मिसाइल शक्ति का तोड़ उसके पास नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि रूस केवल आक्रमण ही नहीं, बल्कि डिफेंस की तैयारी भी रखता है। अगर उस पर पहला परमाणु हमला होता है तो उसकी नेवी और लैंड-बेस्ड मिसाइलें पलटवार करने के लिए तैयार हैं।
यह आकलन अमेरिका की फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) ने किया है और इसे ‘न्यूक्लियर नोटबुक’ में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि भले ही रूस अपने हथियारों के अपग्रेड में देरी कर रहा हो, लेकिन फरवरी 2026 में न्यू स्टार्ट संधि खत्म होने के बाद वह अपनी वॉरहेड तैनाती 60% तक बढ़ा सकता है।