पीएम मोदी (सोर्स- नरेन्द्र मोदी यूट्यूब)
पेरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बहुप्रतीक्षित एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की। समिट में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एआई अन्य तकनीकों से बहुत अलग है और इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एआई का भविष्य सभी के लिए अच्छा हो। भारत एआई को अपनाने और डेटा गोपनीयता के लिए प्रौद्योगिकी-कानूनी आधार बनाने में भी आगे है। हम सार्वजनिक भलाई के लिए एआई एप्लिकेशन विकसित कर रहे हैं।
भारतीय पीएम ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में कहा कि भारत ने अपने 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के लिए बहुत कम लागत पर सफलतापूर्वक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा तैयार किया है। हमें एआई से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए वैश्विक मानकों की आवश्यकता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने और मुझे इसकी सह-अध्यक्षता के लिए आमंत्रित करने के लिए अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों का आभारी हूं। एआई पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को नया रूप दे रहा है। एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है।’
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमें अपने संसाधनों और प्रतिभाओं को एक साथ लाना चाहिए और ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीप फेक से जुड़ी चिंताओं को दूर करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि एआई को लेकर सबसे बड़ा डर नौकरियों का खत्म होना है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि तकनीक के कारण काम कहीं नहीं जाता। समय के साथ नौकरियों की प्रकृति बदलती है और नई तरह की नौकरियां पैदा होती हैं। भविष्य के लिए हमें अपने लोगों के कौशल और री-स्किलिंग में निवेश करने की जरूरत है।