
पाकिस्तान में हिंदुओं पर कहर, सांकेतिक फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan Minority Rights: पाकिस्तान में दशकों से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती रही हैं। विशेष रूप से हिंदू समुदाय लगातार अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न जैसे गंभीर मामलों से जूझता रहा है। ताजा घटना सिंध प्रांत की राजधानी कराची के शेरशाह इलाके में सामने आई है, जहां एक हिंदू महिला और उसकी नाबालिग बेटी का अज्ञात हथियारबंद लोगों ने अपहरण कर लिया।
अधिकारियों के मुताबिक, वारदात शनिवार शाम को सिंधी मोहल्ले में हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, महिला जैसे ही घर से बाहर निकली, तीन हथियारबंद बदमाश मौके पर पहुंचे और उसे तथा उसकी बच्ची को जबरन एक सफेद कार में बैठाकर फरार हो गए।
परिजनों ने बताया कि पूरी घटना कुछ ही मिनटों में घटित हो गई और अपहरणकर्ता भारी हथियारों से लैस थे। इस अपहरण के बाद से स्थानीय हिंदू समुदाय डर और तनाव में है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं, जबकि प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय केवल औपचारिकता निभाता है। सिंध के नागरिक अधिकार कार्यकर्ता शिवा काची ने बताया कि महिला रानी और उनकी बेटी अबतक लापता हैं।
परिवार को आशंका है कि दोनों को जबरन इस्लाम कबूल करवाने की कोशिश की जाएगी और उसके बाद अपहरणकर्ताओं में से किसी एक के साथ मजबूरन शादी करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन जिस तरह तीन हथियारबंद लोग खुलेआम मां-बेटी को उठाकर ले गए, वह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
शिवा काची ने यह भी बताया कि सिंध में ऐसी घटनाएं कम नहीं हैं। कई हिंदू लड़कियों और महिलाओं को पहले किडनैप किया जाता है फिर उन पर इस्लाम स्वीकार करने का दवाब बनाया जाता है। इसके बाद उनकी शादी ऐसे लोगों से कर दी जाती है जो अक्सर उनकी उम्र से कई गुना बड़े होते हैं।
इसी तरह की एक और घटना हाल ही में सिंध के उमरकोट से सामने आई, जहां एक नई शादीशुदा हिंदू लड़की को अपहरण करने की कोशिश की गई। लड़की अपने पति के साथ मायके जा रही थी तभी हथियारबंद बदमाशों ने उसे रोककर किडनैप करने का प्रयास किया।
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हालांकि, इस बार अपहरणकर्ता सफल नहीं हो पाए। लगातार हो रही इन घटनाओं ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। समुदाय के सदस्यों ने मांग की है कि सरकार तत्काल कार्रवाई करे और ऐसे मामलों पर सख्त कानून लागू करे, ताकि हिंदू महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा मिल सके।






