प्रतिकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, बल्कि अपनी सैन्य ताकत से पूरी दुनिया को भी ये मैसेज दे दिया था कि भारत आतंक के खिलाफ अब जंग भी लड़ने को तैयार है। भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक थी कि पाकिस्तान की भी हालत खराब हो गई। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक सवाल लगातार चर्चा में ये है कि जब अमेरिका ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह भारत-पाकिस्तान के मसले में कुछ नहीं बोलेगा, तो आखिर ऐसा क्या बदला कि वह अचानक इस संघर्ष में दखल देने पर मजबूर हो गया?
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच हस्तक्षेप करके अमेरिका ने सीजफायर लागू करवाया। जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हमले थम गए हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर इससे जुड़े से सवाल खड़े हो रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आखिर क्या सूझी कि वह दोनों मुल्कों के मसले में कूद पड़े? तो चलिए अब इसका जवाब जानते हैं…
भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए 7 मई को पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर जमकर हमला किया। इस हमले में 100 आतंकी मारे जाने की खबर है। लेकिन, इस हमले के बाद पाकिस्तान बौखला गया और लगातार एलओसी पर फायरिंग करने लगा। इतना ही नहीं, उसने भारत के कुछ हिस्सों पर ड्रोन से हमला करने की भी कोशिश की। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के हर हमले का करारा जवाब दिया।
दोनों मुल्कों की लड़ाई 8 और 9 मई को बड़े पैमाने पर पहुंच गई। जहां, पाकिस्तान ने भारत पर फतेह मिसाइल तक छोड़ दी, हालांकि भारत ने उस मिसाइल को हवा में मार गिराया। लेकिन, फिर भारत ने पाकिस्तान को बड़ी चोट पहुंचा दी और शुक्रवार को नूरखान एयरबेस पर भीषण हमला कर दिया। इसी हमले से पूरी दुनिया कांप गई।
अब आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा कि एयरबेस उड़ाने से दुनिया को क्या नुकसान होगा? तो इसका जवाब है परमाणु बम। जी हां…अमेरिका समेत दूसरे देशों को परमाणु बम का डर सता गया। इसी वजह से अमेरिका दौड़ा-दौड़ा दोनों मुल्कों से बात करने आ गया।
Noor Khan airbase also houses PAF College & is key logistics base in Chaklala close to GHQ & nuclear research facility – our @IAF_MCC went n fired missiles at the base & came back- guy in video can be heard talking of aircraft flying – yet Pak won! 😂pic.twitter.com/ZuB2v4hLr1
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 11, 2025
दरअसल, भारत ने पाकिस्तान के जिस नूरखान एयरबेस को अपना शिकार बनाया, वहां से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ही पाकिस्तान का परमाणु जखीरा जमा था। इस हाई सिक्योरिटी साइट को पाकिस्तानी स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन (पीएसपीडी) कहा जाता है।
एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर के मुताबिक पीएसपीडी में पाक परमाणु जखीरे के सबसे अधिक वॉरहेड जमा हैं। वहां से केवल 10 किमी दूर ही भारत ने जबरदस्त हमला किया था। जिसके बाद अमेरिका के वाइट हाउस को आशंका हुई कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार खतरे में है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले में दखलअंदाजी की।
अमेरिका को ये आशंका मिलने के बाद उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने पाक पीएम शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को कॉल लगाया और एटमी जखीरे के बारे में जानकारी ली। जैसे ही न्यूक्लियर को खतरे में देखा वैसे ही फिर उन्होंने सीजफायर पर दोनों मुल्कों से बात कर उन्हें इस पर सहमति दिलाई।
जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ही कहा था कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के इस मसले में नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा था कि ये दो मुल्कों के बीच का मामला है, इस पर हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन जब पाकिस्तान के जल्द नक्शे से गायब होने की खबर आई तो उन्होंने भारत और पाकिस्तान से बात करके मसला हल करने पर जोर दे दिया।