पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (फोटो- सोशल मीडिया)
ढाका: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इस महीने बांग्लादेश की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह दौरा 23 अगस्त से शुरू होगा। सालों बाद यह किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जो इस्लामाबाद और ढाका के बीच सुधरते संबंधों की ओर इशारा करती है।
बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो के अनुसार, इस दौरे के दौरान डार विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात करेंगे और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से भी बातचीत करेंगे। साथ ही, उनकी बांग्लादेशी राजनीतिक नेतृत्व से भी मुलाकात की संभावना है। हालांकि, यात्रा का एजेंडा अब तक तय नहीं हुआ है और इसे जल्द ही अंतिम रूप देने की उम्मीद है।
इससे पहले अप्रैल में पाकिस्तान की विदेश सचिव अमना बलोच ने ढाका का दौरा किया था, जहां 15 साल के लंबे अंतराल के बाद विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) आयोजित हुआ। उस दौरान बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 से पहले की साझा संपत्तियों में अपने हिस्से के रूप में 4.32 अरब डॉलर की मांग दोहराई थी और साथ ही मुक्ति संग्राम के समय पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए औपचारिक माफी की मांग भी की गई थी। इससे पहले इशाक डार की प्रस्तावित ढाका यात्रा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण रद्द करनी पड़ी थी।
अवामी लीग के 15 सालों के शासनकाल के दौरान ढाका और इस्लामाबाद के संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे। इसका मुख्य कारण 1971 के युद्ध अपराधों की सुनवाई, पाकिस्तान की भूमिका को लेकर विवाद और क्षेत्रीय राजनीतिक मतभेद रहे। लेकिन अगस्त 2024 में अंतरिम सरकार के गठन और डॉ. यूनुस के नेतृत्व में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
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पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान डॉ. यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने पर सहमति जताई थी।
जनवरी 2025 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चार वरिष्ठ अधिकारी ढाका पहुंचे थे, जिसे द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक मोड़ माना गया। इसके कुछ समय बाद बांग्लादेश की सशस्त्र बल डिवीजन के प्रमुख स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. कमरुल हसन के नेतृत्व में एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय का दौरा किया और वहां तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की।
(एजेंसी इनपुट के साथ)