शहबाज शरीफ (फोटो- सोशल मीडिया)
Shehbaz Sharif UN Speech: पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ हमला बोले हुए झूठ की झड़ी लगा दी। उन्होंने सबसे बड़ा झूठ तो बोला कि मई हुए संघर्ष में उसने भारत को नुकसान पहुंचाया और हार मानकर सीजफायर करने पर मजबूर किया। लेकिन अब उसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति स्थापित करना है।
शरीफ ने भारत पर पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय और निष्पक्ष जांच की उनकी मांग को ठुकराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस त्रासदी का राजनीतिक फायदा उठाया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में यह चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान किसी भी बाहरी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा, और यह चेतावनी इस साल मई में सच साबित हुई जब पाकिस्तान पर “बिना किसी उकसावे” के हमला किया गया।
प्रधानमंत्री शरीफ ने यह भी दावा किया कि संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की स्थिति मजबूत थी, फिर भी उसने संघर्ष विराम का समर्थन किया। इसके अलावा उन्होंने एक बार फिर अमेरिका को युद्धविराम का क्रेडिट देते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके हस्तक्षेप के बिना यह टकराव बड़े युद्ध में बदल सकता था। इसी वजह से पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है।
Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif refers to India as “the enemy” in his UN General Assembly pic.twitter.com/PJHV8lr9oN — Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 26, 2025
शरीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के साथ विवादित मुद्दों पर बातचीत को तैयार है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो तनाव बढ़ाने के बजाय समझदारी से फैसले ले।
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सिंधु जल संधि को लेकर भी शहबाज शरीफ ने भारत पर आरोप लगाया कि वह इस संधि का उल्लंघन कर रहा है, जो न केवल एक अंतरराष्ट्रीय समझौते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अपने नागरिकों के जल अधिकारों की रक्षा करेगा और इस उल्लंघन को युद्ध जैसी स्थिति मानेगा।
कश्मीर मुद्दे पर शरीफ ने पाकिस्तान की पारंपरिक स्थिति दोहराई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है और उम्मीद जताई कि एक दिन संयुक्त राष्ट्र के तहत वहां निष्पक्ष जनमत संग्रह कराया जाएगा ताकि वहां के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार मिल सके।