'आतंक का जन्मदाता' अब खुद खौफ में, (डिजाइन फोटो)
Afghanistan Moscow meeting: कभी दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को सालों तक अपने देश में छिपाकर रखने वाला पाकिस्तान आज खुद आतंकवाद के खौफ में जी रहा है। हालात ये हैं कि अब वही पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अफगानिस्तान और आतंकियों की दुहाई देता फिर रहा है। जिसे कभी “आतंक की फैक्ट्री” कहा जाता था, वह अब खुद उसी आग में जल रहा है। आतंक उसके सिस्टम में इतनी गहराई तक समा गया है कि भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” में मारे गए आतंकियों के जनाजे में खुद पाकिस्तानी सेना के अफसर शामिल होकर आंसू बहाते नजर आए थे।
पाकिस्तान, चीन, रूस और ईरान ने एक बार फिर अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति कायम रखने की अपनी साझा प्रतिबद्धता जताई है। चारों देशों ने अफगानिस्तान में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर चिंता भी व्यक्त की है। हालांकि चीन, रूस और ईरान की चिंता तो समझ में आती है, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का दिखावटी दुख किसी विडंबना से कम नहीं लगता।
मॉस्को में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की गई। पाकिस्तान के अफगानिस्तान के लिए विशेष दूत मोहम्मद सादिक ने बताया कि यह बैठक रूस की राजधानी मॉस्को में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। सादिक ने ‘एक्स’ पर बताया कि बैठक के दौरान गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सभी देशों ने एक स्वर में स्थिर, संप्रभु और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और आतंकवाद व बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त अफगानिस्तान की जरूरत पर जोर दिया।
सादिक ने बताया कि बैठक के दौरान टीटीपी, बीएलए, ईटीआईएम, जैश-उल-अदल, आईएसआईएल और अल-कायदा जैसे आतंकी समूहों की सक्रियता को लेकर खास चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि इन संगठनों से पैदा हो रहे साझा खतरे को देखते हुए सभी देशों ने आतंकवाद के हर रूप से निपटने के लिए आपसी तालमेल और संयुक्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया।
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यह बैठक मंगलवार को होने वाली अफगानिस्तान पर मॉस्को प्रारूप परामर्श की 7वीं बैठक से पहले आयोजित की गई थी। इस बैठक में भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित कई देश अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।