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इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने अब चीन का रुख किया है। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 3 दिवसीय दौरे पर सोमवार को बीजिंग पहुंचे। इसमें दिलचस्प बात यह है कि इस दौरे में पाकिस्तान के अफगानिस्तान मामलों के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक भी उनके साथ गए हैं, जबकि 20 मई को चीन में तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भी पहुंचने वाले हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियां दोनों देशों की इस दौरे को भारत-पाक हालिया संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीतिक बैठक के तौर पर देख रही हैं। इस बैठक में चीन, पाकिस्तान और तालिबान के विदेश मंत्रियों के बीच दक्षिण एशिया की बदलती सुरक्षा स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा होनी है।
सूत्रों के अनुसार, यह एक त्रिपक्षीय मीटिंग होगी जिसमें सीमा पार आतंकवाद, सुरक्षा सहयोग और आर्थिक गतिविधियों के बहाने रणनीतिक समीकरण साधे जा सकते हैं। बीजिंग में होने वाली इस बैठक में भारत-पाक संघर्ष की पृष्ठभूमि में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर चर्चा हो सकती है। सुरक्षा सहयोग और व्यापारिक साझेदारी को लेकर त्रिपक्षीय विचार-विमर्श हो सकता है।
पाकिस्तान और तालिबान के साथ मिलकर चीन सुरक्षा समीकरणों को साधने की कोशिश कर सकता है। उधर, भारत ने इस बैठक पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही हैं। जानकार मानते हैं कि चीन, पाकिस्तान और तालिबान का यह गठजोड़ आने वाले दिनों में कूटनीतिक और सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर सकता है।
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यह उच्चस्तरीय राजनयिक बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्षविराम समझौते की पृष्ठभूमि में आयोजित हुई है। इससे पहले, दोनों देशों के बीच चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमले हुए थे। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक हमले किए गए। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे गए।