
इशाक डार, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Pakistan on TRF: पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन टीआरएफ को लेकर पाकिस्तान ने अब रुख बदल लिया है। अमेरिका द्वारा टीआरएफ को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किए जाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा कि हमे इससे कोई आपत्ति नहीं है।
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना सही नहीं है। जबकि भारत और अमेरिका का स्पष्ट मानना है कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि अमेरिका एक संप्रभु राष्ट्र है और अगर उसने टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया है, तो यह उसका अधिकार है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि हम इसका स्वागत करते हैं। यदि टीआरएफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है और उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, तो कार्रवाई उचित है। बता दें कि इशाक डार इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी सचिव मार्को रुबियो से भी मुलाकात की है।
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पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी दावा किया कि टीआरएफ का लश्कर-ए-तैयबा से कोई संबंध नहीं है। उनके अनुसार, पाकिस्तान में यह संगठन पहले ही समाप्त कर दिया गया था। संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर सजा दी गई थी और टीआरएफ की पूरी संरचना को खत्म कर दिया गया था। हालांकि, यह कोई नया दावा नहीं है। पाकिस्तान इससे पहले भी कई बार यह कह चुका है कि टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के बीच कोई संबंध नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने पहले संसद में बताया था कि इस्लामाबाद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव में टीआरएफ का नाम शामिल होने से रोक दिया था, जिसमें पहलगाम हमलों की आलोचना की गई थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर से दबाव के बावजूद पाकिस्तान ने इसे मंजूर नहीं किया और अंततः प्रस्ताव से टीआरएफ का नाम हटा दिया गया, जिसे उन्होंने पाकिस्तान की जीत बताया। इतना ही नहीं, डार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को टीआरएफ की गतिविधियों को लेकर और ठोस सबूतों की आवश्यकता होगी।






