संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: पाकिस्तान जुलाई 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा। इस संबंध में जानकारी देश की सरकारी मीडिया ने दी है। यह अध्यक्षता पाकिस्तान के उस दो वर्षीय कार्यकाल का हिस्सा है, जिसके तहत उसे जनवरी 2025 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को जबरदस्त समर्थन मिला था। उसे 193 में से 182 वोट प्राप्त हुए थे, जिसके आधार पर वह सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी से बातचीत में कहा कि जुलाई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान पाकिस्तान की भूमिका पारदर्शी, समावेशी और जवाबदेह रहेगी। उन्होंने बताया कि वह मौजूदा वैश्विक अस्थिरता, जटिल भू-राजनीतिक हालात और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को चुनौती देने वाले खतरों से पूरी तरह वाकिफ हैं।
अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान दो अहम उच्चस्तरीय कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा, जिनका फोकस बहुपक्षीय सहयोग, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संयुक्त राष्ट्र के साथ इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की साझेदारी को मजबूत करने पर होगा।
पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत, आसिम इफ्तिखार अहमद ने सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी से बातचीत में कहा कि जुलाई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करते समय पाकिस्तान की भूमिका पूरी तरह पारदर्शी, समावेशी और उत्तरदायी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह मौजूदा वैश्विक अस्थिरता, जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के सामने मौजूद खतरों को अच्छी तरह समझते हैं।
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अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तान दो महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन करेगा, जिनका उद्देश्य बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना, संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना और संयुक्त राष्ट्र तथा इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बीच साझेदारी को और सशक्त बनाना होगा।
पाकिस्तानी राजदूत इफ्तिखार पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात कर चुके हैं और उन्हें जुलाई महीने में सुरक्षा परिषद की कार्य योजना से अवगत करा चुके हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, जो हमेशा संवाद और कूटनीति का पक्षधर रहा है, सुरक्षा परिषद के कामकाज में एक सैद्धांतिक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगा। उन्होंने बताया कि यह दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में पाकिस्तान की भूमिका और योगदान पर आधारित होगा। इससे पहले पाकिस्तान 1952-53, 1968-69, 1976-77, 1983-84, 1993-94, 2003-04 और 2012-13 के दौरान सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)